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मुख्य समाचार

जम्मू एवं कश्मीर में वोहरा ने बेहतरीन काम किया : राजनाथ

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नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एन.एन. वोहरा के बारे में राज्य के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के विचार हो सकता है अच्छे न हों, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि राज्यपाल के तौर पर उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा और उन्होंने पद की गरिमा बरकरार रखी। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, एन.एन. वोहरा जी लगातार 10 वर्षो तक जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल रहे। उन्होंने राज्यपाल के तौर पर संवैधानिक गरिमा को बहुत अच्छी तरह से पालन किया। उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा। और जम्मू एवं कश्मीर की जनता को उनके अनुभवों से निसंदेह लाभ मिला।

उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कथित रूप से भाजपा के प्रदेश प्रमुख और नौशेरा से विधायक रविंदर रैना ने कहा, मैं वोहरा को पसंद नहीं करता क्योंकि वे अपनी उपलब्धियों का गुणगान करते रहे। नए राज्यपाल सत्यपाल मलिक हमारे आदमी हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है और उस पर बैठने वाले को पद की गरिमा बरकरार रखनी होती है। पद पर आसीन व्यक्ति से जनता को समान नजर से देखने की अपेक्षा की जाती है।

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस समय सत्यपाल मलिक को जम्मू एवं कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया है।

नए राज्यपाल के बारे में उन्होंने कहा, मलिक जी बहुत अच्छे नेता माने जाते हैं। राजनीति में उनके पास बहुत अनुभव है। मुझे विश्वास है कि जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को उनके राजनीतिक अनुभवों का लाभ मिलेगा।

मलिक ने 23 अगस्त को वोहरा के स्थान पर जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर शपथ ली। वोहरा का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो गया था। मलिक इससे पहले एक साल से भी कम समय के लिए बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं।

जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर 10 साल से भी ज्यादा समय तक रहने वाले वोहरा मलिक का शपथ ग्रहण समारोह बीच में ही छोड़कर चले गए थे। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे थे कि केंद्र सरकार से अनबन के चलते उन्हें पद से हटाया गया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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