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मुख्य समाचार

प्रवासियों से राहत निधि जुटाएगा केरल प्रतिनिधिमंडल

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तिरुवनंतपुरम, 31 अगस्त (आईएएनएस)| केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को कहा कि बाढ़ से तबाह राज्य के पुनर्निर्माण के लिए धन जुटाने के मकसद से केरल के एक मंत्री की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल मध्य पूर्व के विभिन्न देशों और अन्य देशों की यात्रा करेगा। विजयन ने कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि प्रतिनिधिमंडल मध्य पूर्व, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, कनाडा की यात्रा करेगा और इन देशों में विभिन्न मलायाली संगठनों के सहयोग के साथ राज्य के पुनर्निर्माण के लिए धन एकत्र करेगा।

एक प्रतिनिधिमंडल भारत में भी यात्रा करेगा और धन जुटाने के लिए केरल स्थित सभी संगठनों से मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, इसी प्रकार राज्य के सभी 14 जिलों में एक निधि संग्रह अभियान भी आयोजित किया जाएगा और प्रत्येक जिले की अगुवाई एक मंत्री करेंगे और यह 10 और 15 सितंबर के बीच होगा।

उन्होंने कहा, राज्य में सभी शैक्षणिक संस्थानों में निधि संग्रह शुरू करने की भी योजना बनाई गई है और यह 11 सितंबर को होगी।

उन्होंने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन परामर्शदाता केपीएमजी निशुल्क परामर्श सेवा प्रदान करने पर सहमत हो गई है और केरल के पुनर्निर्माण के लिए सलाहकार भागीदार होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, सबरीमाला मंदिर शहर में काफी नुकसान हुआ है और जैसा कि 17 नवंबर को त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को बहाली कार्यो को करने का काम सौंपने का फैसला किया गया है।

उन्होंने कहा कि घरेलू उपकरण खरीदने वाले सभी लोगों को एक लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। व्यापारी और अन्य एडवांस में 10 लाख रुपये तक का लाभ उठा सकते हैं, जिसमें ब्याज देना होगा। इस संबंध में बैंक संघों के साथ एक व्यवस्था तैयार की जा रही है।

15 अगस्त को शुरू हुए मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दिया गया योगदान अब तक 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के आंकड़े को पार कर चुका है।

राज्य में विनाशकारी बाढ़ से हुए हादसों में 483 लोगों को जान गंवानी पड़ी। 8 अगस्त से 16 अगस्त तक लगातार हुई बारिश के बाद करीब 14.50 लाख लोग अभी भी 3,000 से अधिक राहत शिविरों में रह रहे हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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