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मुख्य समाचार

‘निषाद आरक्षण संवाद बस यात्रा’ को हरी झंडी दिखाई

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पटना, 1 सितम्बर (आईएएनएस)| बिहार में निषाद आरक्षण की लड़ाई को तेज करते हुए शनिवार को निषाद विकास संघ के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने निषाद आरक्षण संवाद बस यात्रा की शुरुआत पटना से की। इस यात्रा का उद्देश्य ‘निषाद समाज के लिए आरक्षण की लड़ाई को घर-घर तक पहुंचाकर इसे मूर्त रूप देना है।’ इस मौके पर सहनी ने कहा कि यह यात्रा बिहार के प्रत्येक जिले से होकर गुजरेगी तथा आगामी चार नवंबर को पटना के गांधी मैदान ‘लाखों लोगों की उपस्थिति में पार्टी के नाम की घोषणा की जाएगी।’

निषाद आरक्षण संवाद बस यात्रा के दौरान मुंबई से अत्याधुनिक सुविधा से लैस बस पर सवार सहनी ने पहले दिन अपनी यात्रा पटना के कारगिल चौक से प्रारंभ की। यात्रा हड़ताली मोड़ से आयकर गोलंबर होते हुए मोइनुल हक स्टेडियम तक पहुंची।

इस मौके पर सहनी ने कहा कि यात्रा के दौरान वे राज्य के सभी जिलों में तय कार्यक्रम पर समाज के लोगों के बीच जाएंगे। इस दौरान संघ के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता मोटरसाइकिल तथा चार पहिया वाहन के साथ यात्रा में सम्मलित होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में पटना के अलावा, दो सितंबर को पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), तीन सितंबर को पश्चिम चंपारण (बगहा), चार सितंबर को सहरसा, पांच सितंबर को सुपौल तथा छह सितंबर को मधेपुरा में यात्रा निकाली जाएगी।

उन्होंने बताया कि कुल नौ चरणों में पूरे बिहार में यह यात्रा निकाली जाएगी। संघ के प्रदेश, जिला तथा प्रखंड व पंचायत स्तर के तमाम पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता यात्रा का हिस्सा बनेंगे।

सहनी ने कहा, यात्रा के दौरान संबंधित जिले में रात्रि में सभा तथा बैठक आयोजित की जाएगी। यात्रा के अंत में आगामी चार नवंबर को पटना के गांधी मैदान में यात्रा का समापन कर विशाल ‘निषाद आरक्षण महारैला’ का आयोजन किया जाएगा, जहां निषाद समाज का शक्ति प्रदर्शन होगा।

सहनी ने कहा, बिहार में निषादों का वोट 14 प्रतिशत है। दूसरी पार्टियों को गठबंधन के लिए हमारे पास आना पड़ेगा। हमारी मांगें पूरी नहीं होने पर अगले लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के बैनर तले सभी 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारा जाएगा।

उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निषादों को आरक्षण देने का वादा किया था, परंतु अब तक उनके द्वारा वादा पूरा नहीं किया गया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा जैसे राज्यों में निषादों को आरक्षण प्राप्त है तो बिहार में क्यों नहीं?

निषाद आरक्षण संवाद बस यात्रा की रवानगी के अवसर पर संघ के उपाध्यक्ष डॉ. राजभूषण चौधरी, प्रधान महासचिव छोटे सहनी, ब्रह्मदेव चौधरी, गौतम बिंद सहित बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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