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‘अपलाइव’ ऐप पर कमाई का मौका, भारत में जुड़े 50 लाख यूजर

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नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)| मोबाइल एप ‘अपलाइव’ अपने यूजर को अपनी कला, कौशल व संवाद का सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) कर उससे आय प्राप्त करने का विकल्प देता है, इसलिए लोग इसे पसंद कर रहे हैं।

भारत में महज कुछ ही महीनों में इसके 50 लाख यूजर हो चुके हैं। ‘अपलाइव’ के सह-संस्थापक ओयांग यून ने कहा कि हांगकांग से सफर की शुरुआत करने के बाद अब पूरी दुनिया को ‘मोबाइल इंटरेक्टिव इंटरटेनमेंट’ का जायका पड़ोसने वाले लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘अपलाइव’ को भारत में लोग काफी पसंद कर रहे हैं।

यून ने यहां आईएएनएस से बातचीत के दौरान अपने प्लेटफॉर्म के बारे में बताया कि ‘अपलाइव’ एशिया इनोवेशन ग्रुप (एआईजी) की एक शाखा है, जो अपने यूजर को मोबाइल इंटरेक्टिव इंटरटेनमेंट कंटेंट मुहैया करवाता है। यून ए.आई.जी. के प्रेसिडेंट हैं।

उन्होंने कहा कि ‘अपलाइव’ एक मोबाइल एप है जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है और इस पर रियल टाइम में लाइव वीडियो देखा जा सकता है या प्रसारित किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, खास बात यह है कि कलाकार अपनी कला का लाइव प्रसारण कर इस पर कमाई भी कर सकते हैं। उनके वीडियो को लाइक करने व शेयर करने पर उनको उसके लिए भुगतान भी किया जाता है।

उन्होंने बताया कि अपलाइव ब्लॉकचेन प्रोटोकॉल के द्वारा अपने यूजर को कंटेंट क्रिएटर को वर्चुअल गिफ्ट प्रदान करने की सुविधा देता है जिसे रुपयों से बदला जा सकता है

उन्होंने बताया कि ‘अपलाइव’ का मुख्यालय हांगकांग में है और दुनियाभर में इसके 14 कार्यालय हैं।

यून ने बताया कि अपलाइव 2016 में हांगकांग में लांच हुआ था और वर्तमान में दुनिया के 100 देशों में इसने अपनी पहुंच बना ली है। उन्होंने बताया कि उनके प्लेटफॉर्म पर दुनियाभर में छह करोड़ यूजर हो गए हैं और हर महीने करीब पांच लाख यूजर जुड़ने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस एप्लीकेशन में फिलहाल 16 भाषाओं की सुविधा उपलब्ध है जिनमें अंग्रेजी, हिंदी, चीनी, फ्रेंच, स्पेनिश, पुर्तगाली, थाई समेत अन्य देशों की भाषाएं शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि भारत चीन की तरह ही बड़ा बाजार है और पिछले कुछ महीनों से यहां रोजाना एक लाख लोग इससे अब जुड़ने लगे हैं।

भारत में अपलाइव के मार्के टिंग प्रमुख रवीश जैन ने कहा हम अपने साथ ऐसे स्ट्रीमर को जोड़ना चाहते हैं जो बेहतरीन गुणवत्ता वाला कंटेंट दे सकें। चाहे वह भारतीय संगीत हो, टॉक शो हो या फिर कुछ और। हर किसी के पास बताने के लिए कोई न कोई कहानी है।

जैन ने कहा, हमारा मानना है कि अपनी कहानी बताने के लिए लाइव स्ट्रीमिंग से बेहतर और आसान कोई माध्यम नहीं है। यह प्लेटफॉर्म अपने आप में ही इंटरेक्टिव, एंगेजिंग एवं आसानी से एक्सेसिबल है।

उन्होंने कहा ‘अपलाइव’ को पूरी दुनिया में बेहतरीन मोनेटाइजेशन मॉडल के लिए जाना जाता है जोकि स्ट्रीमर को अपने रिवेन्यू का हिस्सेदार बनाता है। उन्होंने कहा कि यह रिवेन्यू उन स्ट्रीमर को मिलता है जो अपलाइव के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन कर चुके हैं।

जैन ने बताया कि अपलाइव स्ट्रीमर 500 डॉलर तक की कमाई कर रहा है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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