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ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के प्रभावों का भारत बचाव करने में सक्षम

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नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)| ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से पड़ने वाले किसी भी प्रभाव का सामना करने में भारत सक्षम है और इसके लिए जरूरी उपाय किए गए हैं।

यह कहना भारत सरकार के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल का।

हालांकि उनका कहना है कि बेहतर यह होगा कि कार्रवाई के नतीजों को लेकर पहले टिप्पणी करने के बजाय वास्तविक घटना के घटने का इंतजार किया जाए।

वित्त मंत्रालय में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अर्थव्यस्था में तेजी का दौर जारी है, लेकिन ईरान पर प्रतिबंध के अलावा अमेरिका-चीन व्यापार जंग, अमेरिका की सख्त मौद्रिक नीति और तेल की बढ़ती कीमतें समेत कई बाहरी कारक हैं जो चिंता का विषय हैं।

उन्होंने कहा, हमने पहले ही अपने विकल्पों के बारे में सोच लिया है। प्रत्येक के संबंध में कई परिदृश्यों पर विचार किया गया है और सिलसिलेवार ढंग से इस पर योजना बनाई गई। इसके लिए आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। कई मामलों में आपको घटना होने पर इसका उपयोग करना है। मुख्य बात यह कि कि तेजी से प्रतिक्रया करनी है।

सान्याल ने कहा, इसलिए किसी खास मसले पर पहले ही अपनी प्रतिक्रया देने के बजाय हम जो कर सकते हैं, वह यह है कि हम अपने सारे विकल्प तैयार रखें, ताकि परिस्थितियां पैदा होने के बाद हमें मालूम हो कि किस विकल्प का उपयोग करना है। अभिप्राय यह कि किसी खास परिणाम पर पहले बयान देने के बजाय सारे विकल्पों पर कायम रहें।

पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर दोबारा कई सारे प्रतिबंध लगा दिए। ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते से वाशिंगटन के निकलने के बाद से ईरान पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है। तेल बिक्री को लेकर प्रतिबंध नवंबर से लागू होगा।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दोबारा वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मुख्य रूप से बाहरी कारकों को लेकर ही चुनौतियां हैं, मसलन तेल के दाम में वृद्धि और अमेरिका व चीन के बीच व्यापार युद्ध।

सान्याल भी इस बात से सहमत हैं। उन्होंने कहा, व्यापार जंग का संकट मंडरा रहा है। हमें तेल के दाम को लेकर भी सचेत रहने की जरूरत है। और अमेरिका मौद्रिक नीति को सख्त बना रहा है। ये सब सारे चिंता के विषय हैं, जिनका हमारे ऊपर असर पड़ेगा।

सान्याल ने कहा, मुद्दा यह है कि हमें मालूम नहीं है कि व्यापार जंग या अन्य कई चीजों का कैसा असर होगा। इसलिए हमें इंतजार करना होगा।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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