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प्रादेशिक

केरल : राज्यसभा के लिए कांग्रेस बुजुर्ग नेताओं के पक्ष में

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तिरूवनंतपुरम| केरल में अगले महीने होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग उम्मीदवारों को समर्थन करने का फैसला किया है, जबकि मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) युवा नेताओं के समर्थन के पक्ष में है। अगले महीने होने वाले ऊपरी सदन के चुनाव के लिए कांग्रेस व्यालार रवि जैसे बुजुर्ग नेताओं के पक्ष में है। वहीं माकपा ने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के पूर्व अध्यक्ष व युवा नेता के.के.रागेश (44) को समर्थन करने का फैसला किया है।

केरल में राज्यसभा की नौ सीटें हैं। कांग्रेस के पास तीन सीटें हैं। तीनों सांसद 70 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। ए.के.एंटनी की उम्र दिसंबर में 75, व्यालार रवि जून में 78, जबकि पी.जे.कुरियन 30 अप्रैल को 74 वर्ष के हो जाएंगे।

राज्यसभा में माकपा के चार सदस्य हैं। पी.राजीव (47) का कार्यकाल अगले महीने पूरा हो जाएगा। टी.एन.सीमा तथा के.एन.बालगोपाल का कार्यकाल अगले साल खत्म हो जाएगा और दोनों की उम्र 51 वर्ष है। माकपा के राज्यसभा सांसदों में उम्र के मामले में सी.पी.राव (78) अपवाद हैं।

पार्टी के थिंक टैक में पांच दशक के सहयोग पर गौर करते हुए नायर को साल 2012 में राज्यसभा में भेजा गया था।

कांग्रेस के एक नाराज युवा नेता ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “युवाओं को संसदीय राजनीति के लिए किस तरह तैयार किया जाए, इसकी सीख कांग्रेस को माकपा से लेनी चाहिए।”

उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी में यह चलन बन गया है कि अगर एक बार आप राज्यसभा चले जाएं, फिर आप वहां लंबे समय तक के लिए बने रहेंगे।”

अगर आप सिंहावलोकन करें, तो पाएंगे कि पूर्व राज्य मंत्री व विधायक तथा वर्तमान में माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य एम.ए.बेबी ने 32 साल में राज्यसभा पहुंचकर इतिहास रचा था और सबसे कम उम्र के सदस्य बने थे। दो कार्यकाल के बाद वह सेवानिवृत्त हो गए थे।

ए.विजयराघवन (42) साल 1998 में राज्यसभा पहुंचे और एक कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हो गए।

माकपा इस बात को सुनिश्चित करता है कि राज्यसभा सांसद को ज्यादा समय तक सदन का सदस्य बनाए नहीं रखा जा सकता।

माकपा के राज्यसभा सदस्य राजीव ने आईएएनएस से कहा कि युवाओं तथा महिला नेताओं को बढ़ावा देने की उनकी पार्टी की रणनीति रही है।

उन्होंने कहा, “हमारी उच्च कमेटियों को देखिए। हमारी राज्य कमेटियों के सदस्यों की औसत आयु 60 साल के आसपास है, जबकि जिला कमेटियों के सदस्यों की औसत आयु 50 साल के नीचे है।”

एक अन्य नाराज युवा कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा, “इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि राज्यसभा में कांग्रेस ने 44 सीटों के आंकड़े को छुआ है। यदि ये पद केवल वरिष्ठ नेताओं के लिए ही हैं, तो वह दिन दूर नहीं जब पार्टी धीरे-धीरे पृथक होती जाएगी, क्योंकि एक सामान्य से कार्यकर्ता के लिए यहां रखा ही क्या है।”

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने निकाला नया नारा…. ‘जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई’

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लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीरापुर विधानसभा के मोरना क्षेत्र में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। बटेंगे तो कटेंगे के बाद यहां उन्होंने नए नारा देते हुए कहा कि जहां दिखा सपाई, वहां बिटिया घबराई।

उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मै यहां भाषण कर रहा था तब पब्लिक के बीच से एक नारा आ रहा था। वह नारा था, 12 से 2017 के बीच में एक नारा चलता था, जिस गाड़ी पर सपा का झण्डा समझो उस पर बैठा है कोई। इसके आगे जनता के बीच से आवाज आई कि ..गुण्डा।

इसके आगे मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भाईयों बहनों आज मै कह सकता हूं कि जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई। मुख्यमंत्री प्रदेश की उन घटनाओं का जिक्र किया जिसमें बेटियों के साथ बलात्कार हुआ और उसमें सपा से जुड़े लोग आरोपित पाए गए। योगी ने कहा कि आपने इनके कारनामों को देखा होगा। अयोध्या और कन्नौज में यह नजारा देखा होगा। समाजवादी पार्टी का यह नया ब्रांड है। इनको लोकलाज नहीं है। ये आस्था के साथ भी खिलवाड़ करते हैं। यह ऐसे लोग हैं जिनसे पूरे समाज को खतरा है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आज पश्चिम उत्तर प्रदेश में तीन जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। विधान सभा की नौ सीटों पर हो रहे चुनाव में प्रचार की कमान उन्होंने खुद संभाल ली है। उनके साथ दो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और यूपी भाजपा के अध्यक्ष समेत अन्य नेता भी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।

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