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मुख्य समाचार

उप्र : पोस्टमार्टम के लिए शव रिक्शे पर ले गए, जांच के आदेश

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बांदा, 7 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के बांदा जिला मुख्यालय में गुरुवार रात पुलिस का मानवता को शर्मसार करने वाला चरित्र उजागर हुआ है। कुएं में गिर कर मरे एक युवक के शव को एंबुलेंस के बजाय ई-रिक्शा पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने माना कि पुलिस से चूक हुई है और शव को ले जाने में नियमों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर को इस मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, शहर कोतवाली क्षेत्र के कालवन गंज पुलिस चौकी क्षेत्र के निवासी युवक छोटेलाल प्रजापति (30) की गुरुवार रात करीब आठ बजे एक कुएं में गिर कर मौत हो गई। पुलिस ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजार नहीं किया और उसे ई-रिक्शे पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले गई।

इस संबंध में पुलिस चौकी प्रभारी देवेंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि उन्होंने 108 टोल फ्री नंबर डायल कर एंबुलेंस भेजे जाने की मांग की थी, लेकिन कोई एंबुलेंस नहीं आई। मजबूरन शव ई-रिक्शा पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले जाना पड़ा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति ने शुक्रवार को इसे मानवता को शर्मसार करने वाला पुलिस का चरित्र बताया और कहा कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), बांदा, डॉ. संतोष कुमार ने बताया, पुलिस ने युवक को खुद ही मृत घोषित कर दिया था। शव को अस्पताल नहीं लाया गया और न ही घटना की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई है।

ई-रिक्शा चालक कामता प्रसाद ने बताया कि पुलिस वाले सवारी ले जाने के बहाने जबरन उसके रिक्शे पर शव लाद दिए थे, और किराया भी नहीं दिया।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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