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आध्यात्म

Ganesh Chaturthi 2018 : विघ्नहर्ता दूर करेंगे हर कष्‍ट, राशि के अनुसार ऐसे करें पूजन!

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गणेश चतुर्थी के दिन सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस बार गणेश चतुर्थी 13 सितंबर को है। भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बड़ी धूम-धाम से भगवान गणेश की पूजा और प्रतिमा की स्थापना की जाती है।

गणेश जी को मोदक बहुत प्र‍िय हैं और उनको इसका भोग जरूर लगाया जाता है। श्री गणेश जी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। किसी भी पूजा को प्रारम्भ करने के पूर्व श्री गणेश उपासना की जाती है। राशि अनुसार उपासना और आराधना करें तो और बेहतर परिणाम आता है।

मेष – वक्रतुंड रूप में भगवान गणेश की आराधना करें। गुड़ का भोग लगाएं। ताम्र पात्र का दान करें।

वृष – शक्ति विनायक रूप में श्री गणेश पूजा करें। मिश्री का भोग लगाएं। श्वेत वस्त्र का दान करें।

मिथुन – लक्ष्मी उपासना भी गणेश जी के साथ करें। श्री सूक्त का पाठ करें। मूंग का लड्डू चढ़ाएं। मोदक का भोग लगाएं। वस्त्र का दान करें।

कर्क  – वक्रतुंड रूप में श्री गणेश उपासना करें। मिस्री और घी को मिलाकर भोग लगाएं। चावल का दान करें।

सिंह –  गणेश जी के साथ लक्ष्मी पूजन भी करें। गायत्री पूजा भी करें। श्री गणेश जी की बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। गेहूं और गुड़ का दान करें।

कन्या – लक्ष्मी गणेश रूप का पूजन करें। दूध और फल की बनी खीर का भोग लगाएं। मूंग की दाल और वस्त्र का दान करें।

तुला – वक्रतुंड रूप में श्री गणेश उपासना करें। नारियल के लड्डू का भोग श्री गणेश जी को लगाएं। चावल का दान करें।

वृश्चिक – श्वेतार्क गणेश की उपासना करें। मोती चूर के लड्डू का भोग लगाएं। मसूर की दाल का दान करें।

 धनु – लक्ष्मी गणेश रूप की पूजा करें। श्री गणेश जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। धार्मिक पुस्तक का दान करें।

मकर – शक्ति विनायक रूप में हृदय में धारण कर गणेश पूजन करें। मोदक और इलाइची का भोग लगाएं। तिल का दान करें।

कुंभ –  शक्ति विनायक गणेश जी का पूजन करें। बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। गरीबों में काला वस्त्र बांटें।

 मीन – हरिद्रा गणेश पूजन करें। लड्डू और शहद का भोग लगाएं। धार्मिक पुस्तक का दान करें।

उत्तर प्रदेश

जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत

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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।

दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।

हादसे में बड़ी बेटी का निधन

हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.

 

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