मुख्य समाचार
‘मतदाता जागरूकता वाली मशीनों से एक्जिट पोल संभव ही नही’
रायपुर, 18 सितंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने स्पष्ट किया है कि मतदाता जागरूकता के लिए उपयोग में लाई जाने वाली प्रादर्श ईवीएम और वीवीपैट मशीनों से किसी भी परिस्थिति में एक्जिट पोल जैसी स्थिति संभव ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता के लिए उपयोग में लाई जाने वाली सभी मशीनें केवल मतदाता जागरूकता के लिए हैं। इनमें डमी प्रत्याशी के नाम का उपयोग किया जाता है, न कि वास्तविक प्रत्याशी या पार्टी का नाम। इसलिए यह भ्रम है कि ऐसी मशीनों से एक्जिट पोल किया जा सकता है।
सुब्रत साहू ने बताया कि प्रशिक्षण और मतदान के लिए उपयोग में लाई जाने वाली मशीनों की सीरीज भी अलग है और इस कार्य में उपयोग में लाई जाने वाली मशीन राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की मौजूदगी में ही एफएलसी (फस्र्ट लेवल चेकिंग) के बाद ही उपयोग में लाई जा सकती है।
उन्होंने राजधानी रायपुर स्थित अपने कार्यालय में सरगुजा और कोरिया जिलों से प्राप्त शिकायतों को तत्काल संज्ञान में लेकर दोनों जिलों के कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारियों से रिपोर्ट ली।
सुब्रत साहू ने बताया कि कोई भी प्रशिक्षक ईवीएम-वीवीपैट मशीन को अपने घर में नहीं रख सकता है। प्रदर्शन के बाद मशीन तहसील कार्यालय के भंडार कक्ष या कोषालय में रखा जा रहा है। मशीन के प्रदर्शन के पहले और उसके बाद ऐसी मशीनों की ढुलाई का लॉगबुक भी संधारित किया जा रहा है। जिले में किसी भी प्रकार के ईवीएम-वीवीपैट मशीनों की जब्ती पुलिस द्वारा नहीं की गई है और प्राप्त शिकायत में जिस घटना का जिक्र किया गया था, वह लगभग एक सप्ताह पुरानी थी। शिकायत आज मिली और जांच के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो गई।
उन्होंने बताया कि पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ छत्तीसगढ़ राज्य के प्रत्येक जिले में मतदाता जागरूकता का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। इन मशीनों को एफएलसी अर्थात फस्र्ट लेवल चेकिंग के बाद अलग किया जाता है, ताकि इनका मतदान के लिए उपयोग में आने वाली मशीनों के साथ मिश्रण न हो सके।
साहू ने कहा कि अगर किसी परिस्थितिवश उनका उपयोग मतदान प्रक्रिया में लिया भी जाना है तो उनका एफएलसी और कैंडिडेट सेटिंग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष पूर्ण प्रक्रिया अपनाते हुए संपादित की जाती है। इस प्रक्रिया में भी पूरी पारदर्शिता अपनाई जाती है।
इसी के अंतर्गत जितनी मशीनों का प्रदर्शन के लिए उपयोग किया जा रहा है, उनकी संख्या एक हजार 348 है। वर्तमान में राज्य में 23 हजार 632 मतदान केंद्रों में से अब तक 12 हजार 300 मतदान केंद्रों में मशीनों का प्रदर्शन किया जा चुका है। लगभग 15 लाख लोग गांव और शहर में इसे देख चुके हैं।
उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि इन मशीनों का उपयोग प्रदर्शन के बाद निर्धारित स्थानों पर पूरी सुरक्षा के साथ रखे जाने के निर्देश हैं। भारत निर्वाचन आयोग के इन निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। इन निर्देशों के परिपालन में यदि कोई कोताही बरती जाती है तो किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
ऑफ़बीट2 days ago
SAMAY RAINA : कौन हैं समय रैना, दीपिका पादुकोण को लेकर कही ऐसी बात, हो गया विवाद
-
खेल-कूद2 days ago
IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
-
नेशनल2 days ago
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के नतीजे जारी, अध्यक्ष पद पर NSUI के रौनक खत्री ने दर्ज की जीत
-
नेशनल2 days ago
आज से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र
-
नेशनल2 days ago
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था