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मुख्य समाचार

ब्लॉकचेन की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में होगी महत्वपूर्ण भूमिका : रिपोर्ट

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मुंबई, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| साल 2025 तक ब्लॉकचेन का प्रयोग मुख्य धारा के कारोबार में व्यापक रूप से बढ़ जाएगा और दुनिया भर की आपूर्ति श्रृंखला का आधार होगा। इस प्रौद्योगिकी में निवेश और भागीदारी के कारण विनिर्माण से लेकर उपभोक्ता उत्पादों और खुदरा उद्योगों में इसका प्रयोग बढ़ेगा, जिससे पारदर्शिता और भरोसे में भी वृद्धि होगी। एक नई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। केपजेमिनी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान में केवल 3 फीसदी संगठनों ने ब्लॉकचेन को अपनाया है, जबकि 10 फीसदी संगठन इसकी तैनाती की तैयारी में जुटे हैं। वहीं, 87 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि वे अपने संगठनों में इसे लागू करने पर विचार कर रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि ब्लॉकचेन के प्रयोग से लागत में 89 फीसदी की कटौती होती है, ट्रेसेबिलिटी में 81 फीसदी की बढ़ोतरी होती है तथा पारदर्शिता में 79 फीसदी की बढ़ोतरी होती है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि ब्रिटेन में 22 फीसदी, फ्रांस में 17 फीसदी, अमेरिका में 18 फीसदी संगठन ब्लॉकचेन की तैनाती कर इस प्रौद्योगिकी की अगुवाई कर रहे हैं।

केपजेमिनी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा कि ब्लॉकचेन के प्रयोग से सूचना सुरक्षित, तेज और अधिक पारदर्शी तरीके से भेजी जा सकती है। यह प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला में प्रयोग की जा सकती है, ताकि उत्पादन से लेकर खाद्य श्रृंखला की निगरानी की जा सके और नियामकीय अनुपालन सुनिश्चित हो सके।

रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि अगले तीन सालों में ब्लॉकचेन में निवेश 30 फीसदी बढ़ेगा।

केपजेमिनी के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (वित्तीय सेवाएं) सुधीर पई ने कहा, “हमारा अध्ययन ब्लॉकचेन की क्षमता रेखांकित करता है, साथ ही यह भी दिखाता है कि वर्तमान में संगठनों का इसे अपनाने में कई बाधाएं हैं। संगठनों को हमारे विश्लेषण का प्रयोग कर यह समझना चाहिए कि ब्लॉकचेन उनके लिए कितना व्यावहारिक हो सकता है और ब्लॉकचेन कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करनी चाहिए।”

 

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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