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नेशनल

अंतरिक्ष में बच्चा पैदा करने वालों की है जरुरत, इस एजेंसी से जल्दी करें संपर्क!

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नई दिल्ली। हॉलीवुड की साइंस-फिक्शन फिल्मों में आपको बहुत सी अजीबोंगरीब चीजें देखने को मिलती हैं। इन फिल्मों में आपको दूसरे ग्रह के लोगों से लेकर कई तरह के अत्याधुनिक हथियार तक देखने को मिलते हैं। ऐसे में अगर आपसे स्पेस में बच्चा पैदा करने की बात कही जाए तो यह आपको किसी हॉलीवुड डायरेक्टर की दिमागी उपज लगेगी। लेकिन आने वाले 6 सालों में यह संभव हो सकता है।

नीदरलैंड स्थित ‘स्पेसलाइफ ओरिजिन’ के कठिन प्रयासों के बाद अब यह लगने लगा कि इंसान स्पेस में भी बच्चे को जन्म दे सकता है। साल 2024 तक कंपनी ने स्पेस में पहले बच्चे की डिलिवरी की तैयारी पूरी कर ली है। स्पेसलाइफ ओरिजिन ने घोषणा की है कि वह 2024 तक स्पेस में पहले बच्चे की डिलिवरी करा देगी। हालांकि एजेंसी को इसके लिए वॉलनटिअर्स की तलाश है।

मिशन क्रैडल के इस प्रोजेक्ट के तहत कोई भी महिला स्वेच्छा से अंतरिक्ष में मां बनने की अर्जी दे सकती है। हालांकि इसके साथ शर्त ये है कि वह इसके पहले भी प्राकृतिक रुप से बिना किसी परेशानी के दो बार मां बन चुकी हो। 36 घंटे के इस मिशन के दौरान डॉक्टरों की टीम उस गर्भवती महिला को लगभग 402 किलोमीटर की उंचाई पर ले जाकर उसका प्रसव कराने में मदद करेगी। अगर ये आॉपरेशन सफल हो जाता है तो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि होगी।

स्पेसलाइफ ऑरिजिन्स के फाउंडर और सीईओ कीज मल्डर ने कहा कि अगर मानवता मल्टिप्लेनेटरी (बहुग्रहीय) प्रजाति बनना चाहती है तो हमें स्पेस में प्रजनन के तरीके सीखने की भी आवश्यकता है। फर्म का दावा है कि वह एक अंतरिक्ष-भ्रूण-इनक्यूबेटर बना रही है जिसे 2021 में अंडे और स्पर्स के साथ स्पेस में भेजा जाएगा। एजेंसी के मुताबिक, अंडे और स्पर्म के मेल से स्पेस में भ्रूण विकसित होना शुरू हो जाएगा। 4 दिनों बाद इन्क्यूबेटर धरती पर लौट आए आएगा और यहां पर असल गर्भावस्था और प्रसव यहीं संपन्न होगा।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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