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प्रादेशिक

मध्य प्रदेशः हार के बाद बीजेपी नेता का विवादित बयान, कहा-जिसने वोट नहीं दिया उसे…

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भोपाल। मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता से बेदखल हुई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अभी तक अपनी हार पर यकीन नहीं हो पा रहा है। बता दें कि मध्य प्रदेश के चुनावी नतीजों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी।

11 तारीख को शुरू हुई मतगणना 24 घंटे तक चली जिसके बाद ही सभी सीटों के नतीजे आ सके। 12 दिसबंर को आए नतीजों में बीजेपी को 109 सीट मिली वही कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की।

15 साल के बाद सरकार से बाहर जाते ही बीजेपी की एक नेता का विवादित बयान सामने आया है। इन दिनों सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस का एक विवादित बयान तेजी से वायरल हो रहा है।

इस विडियो में चिटनीस कह रही हैं कि जिन्होंने उन्हें और उनकी पार्टी को वोट नहीं दिया है उसे अगर वह रुला न दें तो उनका नाम चिटनीस नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह विडियो बुधवार रात शहर के कमल चौराहे पर एक सभा को संबोधित करने के दौरान का है।

इस सभा में चिटनीस कह रही हैं की मंत्री पूर्व हो सकता है, सांसद पूर्व हो सकता है, प्रदेशाध्यक्ष पूर्व हो सकता है, लेकिन बहन पूर्व नहीं हो सकती। जिनकी दुर्भावना, बेवकूफी के कारण सरकार नहीं बनी, मैं ये नहीं कहती कि उनको माफ करो, लेकिन मर्यादा का उल्लंघन मत करो।

आपको कोई डरा नहीं पाएगा। किसी ने अफवाह फैला दी कि मुझे हार्ट अटैक आया। बुरहानपुर से इंदौर और दिल्ली भेजा गया है। बता दें कि इस सभा में नंदू भैया मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए।

हालांकि पूर्व मंत्री ने इस वीडियो के वायरल होने के बाद इसपर अपनी सफाई भी दी है। उनका कहना है कि धमकी नहीं, मैंने तो प्यार से सेवा करने की बात की थी, जिसको गलत समझ लिया गया।

मेरी बात को अधूरा ही लिया गया है, बाकी हिस्सा एडिट कर दिया गया है। मैंने लोगों से कहा था- विधायक नहीं रहूंगी तो वेतन नहीं मिलेगा, लेकिन प्यार की पेंशन से इतनी सेवा करूंगी कि वोट न देने वालों को रुला दूंगी।

इसे गलत संदर्भ में प्रचारित किया जा रहा है। धमकी देने का सवाल ही नहीं है। मैंने ही जनता को धन्यवाद देने के लिए आभार सभा रखी थी। अगर किसी ने ऐसा नारा (नंदू भैया मुर्दाबाद) लगाया है तो मैं इसका समर्थन नहीं करती।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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