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पेप्सिको इंडिया ने एनडीएमसी के साथ मनाया ‘ग्रीन डे’
नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)| पेप्सिको इंडिया ने बुधवार को नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के सहयोग से जिम्मेदार निपटान और प्लास्टिक अपशिष्ट रीसाइक्लिंग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यहां ‘ग्रीन डे’ का आयोजन किया। कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी और कहा कि पीईटी रीसाइक्लिंग कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, एकत्रित अपशिष्ट को पॉलिएस्टर फाइबर में पुनर्नवीनीकरण किया जाता है और आगे टी-शर्ट, कैप्स, लैपटॉप बैग आदि जैसे उपयोगिता वस्तुओं का निर्माण करने के लिए उपयोग किया जाता है। प्रयुक्त पीईटी पैकेजिंग के संग्रह और रीसाइक्लिंग के अलावा, कचरा चुननेवाले समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास और क्षमता निर्माण की परियोजना पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है।
पेप्सीको ने पीईटी रीसाइक्लिंग पहल के लिए जेम एनविरो प्रबंधन के साथ समझौता कर इस्तेमाल की गई पीईटी बोतलों के प्रभावी संग्रह और रीसाइक्लिंग को सक्षम करने के लिए दिल्ली में रिवर्स वेंडिंग मशीन (आरवीएम), संग्रह वैन, इलेक्ट्रिक रिक्शा, संग्रह केंद्र और 25 से अधिक संग्रह बिंदु स्थापित किया है।
इस मौके पर चांदनी चौक की विधायक अल्का लांबा ने कहा, “पेप्सिको इंडिया और जेम एनवीरो द्वारा पीईटी अपशिष्ट को एकत्रित करना व जिम्मेदार तरीके से इसका निपटारा करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की उपलब्धि को देखना उत्साहित है। यह नागरिक समाज के लिए न केवल अच्छा है, बल्कि कचरा चुनने वालों के विकास व उनके कल्याण को भी बढ़ावा देता है, जो समुदाय के हाशिए वाले वर्ग का हिस्सा हैं।”
पेप्सिको इंडिया ने इस मौके पर ईपीआर (विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व) कार्यक्रम के तहत दिल्ली में बेचे जाने वाले अपने 100 प्रतिशत उत्पादों के पीईटी (पेट) बोतलों के संग्रह और रीसाइक्लिंग के अपने लक्ष्य को पूरा करने की घोषणा की है।
एनडीएमसी की उपायुक्त (सदर पहाड़गंज जोन) रुचिका कटयाल (आईएएस) ने कहा, “आशा है कि ऐसी पहल लोगों को जिम्मेदार रूप से प्रयुक्त पीईटी बोतलों को नष्ट करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और सभी के लिए स्वच्छ दिल्ली की लक्ष्य प्राप्ति में मदद मिलेगी।”
पेप्सिको इंडिया की उपाध्यक्ष नीलिमा द्विवेदी ने कहा, “इस पहल के माध्यम से हम जो काम कर रहे हैं उसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा अपशिष्ट पिकर्स को प्रशिक्षित करने और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायता को जाएगा, क्योंकि वे प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। हम शहर में क्लीनर पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए इस पहल का समर्थन करने के लिए नई दिल्ली नगर निगम का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं।”
पेप्सिको के ग्रीन डे जागरूकता अभियान में नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी, स्वच्छता अभियान और आरवीएम प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
जेम एनवीरो मैनेजमेंट के निदेशक सचिन शर्मा ने कहा, “प्लास्टिक कचरा प्रबंधन व प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए सही दिशा की ओर यह एक कदम है। लेकिन उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता को बढ़ावा देना भी जरूरी है, क्योंकि सही तरीके से उपयोग की जाने वाली पीईटी बोतलों को नष्ट करना महत्वपूर्ण है। इस पहल का लक्ष्य पीईटी अपशिष्ट के संग्रह और प्रभावी रीसाइक्लिंग को सुनिश्चित करना है और इस शहर को क्लीनर और ग्रीनर बनाने में योगदान देना है।”
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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