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उच्च न्यायालय ने स्मृति ईरानी के खिलाफ समन को रद्द किया
नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता संजय निरुपम द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में निचली अदालत द्वारा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ जारी समन को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति आर. के. गौबा ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करने की मांग करने वाली ईरानी की याचिका को मंजूर करते हुए कहा कि मौजूद साक्ष्य के आधार पर ऐसा आपराधिक अभियोग चलाना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।
ईरानी ने अदालत से कहा कि निरुपम द्वारा दायर शिकायत उनके द्वारा कांग्रेस नेता के खिलाफ दाखिल शिकायत के बदले में की गई कार्रवाई है।
अदालत ने स्मृति ईरानी द्वारा दायर मानहानि की शिकायत में निरुपम के खिलाफ निचली अदालत द्वारा जारी समन के आदेश को निरस्त करने की मांग करने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
एक दंडाधिकारी की अदालत ने 11 मार्च 2013 को स्मृति ईरानी की याचिका पर संजय निरुपम के खिलाफ समन जारी किया था। एक दूसरे दंडाधिकारी की अदालत ने 6 जून 2014 को निरुपम की याचिका पर ईरानी के खिलाफ समन जारी किया था।
दिसंबर 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर एक टीवी परिचर्चा के दौरान निरुपम ने ईरानी का मजाक उड़ाया था।
टीवी परिचर्चा के दौरान दोनों नेताओं में कहासुनी हो गई थी। बाद में दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ मानहानि के मुकदमे दायर किए।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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