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प्रादेशिक

कोरोना का खौफः पत्नी संग गांव लौटा शख्स, मां ने नहीं दी घर में जगह

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मुंबई। कोरोना संकट की वजह से कई प्रवासी कामगार अपने गांव लौटने को मजबूर हैं। कामगार इस उम्मीद में अपने गांव पहुंच रहे हैं कि कम से कम उन्हें खाने की कोई दिक्कत तो नहीं होगी।

लेकिन गांव पहुंचने के बाद भी इन प्रवासियों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला महाराष्ट्र के चंदरपुर जिले के एक गांव में सामने आया है।

यहां औरंगाबाद से परिवार के साथ लौटे एक शख्स को उसकी मां ने ही घर में जगह नहीं दी। घटना चंदरपुर जिले के गोंड़पिपरि तहसील के तारसा गांव का है।

इस गांव में रोजगार नहीं होने से गांव का एक युवक प्रफुल मिलमिले काम की तलाश में औरंगाबाद गया था। छोटी बच्ची और पत्नी सिगंधा मिलमिले के साथ औरंगाबाद में अपना गुजारा करने के दौरान कोरोना बीमारी और लॉकडाउन का संकट खड़ा हो गया।

इसी से रास्ता निकालते हुए जानलेवा सफर कर ये युवक परिवार के साथ अपने गांव पहुंचा लेकिन कोरोना के डर से मां ने बेटे ओर उसके परिवार को घर में लेने से इनकार कर दिया।

कोई रास्ता नहीं दिखने पर बेटे ने खुद को क्वारनटीन करने के लिए ग्राम पंचायत को स्कूल खोलने की विनती की लेकिन ग्राम पंचायत ने भी इनको सहारा देने से मना कर दिया।

पूरे तीन घंटे युवक अपनी बच्ची और पत्नी के साथ कड़ी धूप में ग्राम पंचायत के स्कूल के सामने पड़ा रहा। किसी ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस द्वारा बीच में आकर समझाने पर तीन घंटे बाद ग्राम पंचायत द्वारा स्कूल खोल कर उनकी व्यवस्था की गई। खाना लेकर मां खुद पहुंची और अपने भूखे बेटे, बहू और नातिन को खाना खिलाया।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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