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संत रविदास के जन्मस्थली पूर्व की सरकारों के अनदेखी के कारण रही काफी उपेक्षित

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वाराणसी। काशी संतों और महात्माओं की भूमि है। संत रविदास की जन्मस्थली वाराणसी के सीर गोवर्धन क्षेत्र में है। उनकी जयंती के मौके पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु हर साल जुटते हैं। गुरु रविदास के जन्मस्थली पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार मत्था टेक चुके हैं। संत गुरु रविदास के जन्मस्थली पूर्व की सरकारों के अनदेखी के कारण काफी उपेक्षित रही है। मौज़ूदा बीजेपी की सरकार ने संत रविदास की जन्मस्थली के विकास को मूर्त रूप दे रही है, जिससे हर साल आने वाले उनके अनुयायियों को सुविधा हो।

चुनाव के करीब आते ही कांग्रेस, सपा, आप और बसपा के नेता रविदास मंदिर में दर्शन के लिए आते रहे हैं, लेकिन पूर्व की सरकार ने इस महान संत के जन्मस्थली के विकास के बारे में सोचा तक नहीं था। भाजपा सरकार ने इस पूरे क्षेत्र के विकास और मंदिर तक जाने के सभी मार्गों को दुरुस्त करने का बीड़ा उठाया, जो आज मूर्त रूप ले रहा है। योगी सरकार ने कुल 2.0904 हेक्टेयर भूमि के क्रय हेतु रुपए 33.20 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी, जिसमें से पार्क एवं सड़क निर्माण हेतु कुल 19.48 करोड़ की लागत से 1.2418 हेक्टेयर भूमि ख़रीद ली गई है। बची हुई 13.71 करोड़ की धनराशि से कुल 0.84 84 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण (0.6948) एवं क्रय (0.1536) करने हेतु प्रक्रिया चल रही है।

वाराणसी में श्री गुरु रविदास जी की जन्मस्थली सीर गोवर्धनपुर के पर्यटन विकास में 1514.02 लाख की लागत से कई कार्य स्वीकृत हैं, जिसमें लंगर हाल (सामुदायिक भवन) का निर्माण 4.54 करोड़ एवं टॉयलेट ब्लॉक का निर्माण 25.27 लाख में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम ने कराया है, जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री द्वारा किया जा चुका है।

श्रद्धालुओ के आने जाने के लिए मार्ग सुगम बनाने के  लिए सड़क निर्माण का काम भी हुआ है। ट्रामा सेंटर से संत रविदास जी के मंदिर तक 2350 मीटर सड़क का निर्माण लगभग 369.30 लाख रुपये से, रविदास मंदिर मोड़ से एनएच रोड तक प्रस्तावित 12 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण 153.45 लाख से, बीएचयू से वाया रविदास मंदिर एनएच रिंग रोड तक मार्ग सुदृढ़ीकरण का कार्य 131.22 लाख है। इसके अलावा 100 लाख में पार्क का निर्माण, संत रविदास जी की प्रतिमा हेतु पेडेस्ट्रियन का निर्माण 30 लाख में और संत रविदास जी की कांस्य प्रतिमा का निर्माण 120.00 लाख में संस्कृति विभाग (ललित कला अकादमी ) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराया जा रहा है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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