उत्तर प्रदेश
सीएम योगी की तारीफ़ और अखिलेश पर तंज, आखिर क्या है शिवपाल की रणनीति?
लखनऊ। अपने भतीजे सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नाराज चल रहे प्रसपा अध्यक्ष चाचा शिवपाल यादव ने एक बार फिर भतीजे पर हमला किया है। कल गुरुवार को विधानसभा में सीएम योगी की तारीफ और अखिलेश पर निशाना साधने के बाद शिवपाल यादव ने अब सपा की लाल टोपी पर तंज कसा है।
उन्होंने कहा है कि लाल टोपी से नहीं, बल्कि लोहिया जी के सिद्धांतों पर काम करके समाजवाद लाया जा सकता है।
शिवपाल यादव ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ”वेशभूषा है किसी को कुछ पसंद है किसी को कुछ लेकिन समाजवाद विचारों से आता है, लाल टोपी लगाने से नहीं आता है। सबको काम करना चाहिए। लोहिया जी के सिद्धांतों-विचारों पर चलकर ही समाजवाद लाया जा सकता है।”
बता दें विधानसभा चुनाव के दौरान भी सपा की लाल टोपी सुर्खियों में रही थी। तब पीएम मोदी ने इसे खतरे की निशानी बताकर निशाना साधा था।
हमारा साथ लिया होता तो सत्ता में होते: शिवपाल
शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा में गुरुवार को चर्चा में भाग लेते हुए एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की, तो दूसरी ओर भतीजे अखिलेश यादव को बिना नाम लिए ही कोसा।
उन्होंने तंज करते हुए कहा कि अगर विपक्ष यानी सपा उनका साथ ले लेती..तो हम लोग सत्ता में होते। उन्होंने कहा कि हमने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी। अपने 100 प्रत्याशी भी घोषित कर दिए थे।
अगर हमें टिकट दे देते तो वह (सपा गठबंधन) वहां (सत्ता पक्ष) और आप (भाजपा गठबंधन) यहां (विपक्ष) होते। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह केवल बुजुर्गों और बीमार लोगों को ही मुफ्त राशन दे। नौजवानों और तंदुरुस्त लोगों को राशन देकर उन्हें आलसी ना बनाए।
योगी ने यूपी को बेहतर संभाला
शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए उन्हें ईमानदार और मेहनती बताया। उन्होंने परोक्ष रूप से उन पर तंज भी किया। शिवपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री विपक्ष का सहयोग लेकर ही उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ईमानदार और मेहनती हैं लेकिन अगर उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान सदन के सभी सदस्यों और अन्य लोगों का सहयोग लिया होता तो स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था।
शिवपाल द्वारा मुख्यमंत्री की तारीफ किए जाने पर भाजपा सदस्यों ने मेज थपथपा कर उनका स्वागत किया। हालांकि इसी दौरान शिवपाल ने भाजपा सरकार के नारे का हवाला देते हुए तंज भी किया। उन्होंने कहा कि वादे के मुताबिक तो सबका साथ और सबका विकास है लेकिन सरकार ने सबका सहयोग नहीं लिया।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार कराएगी छात्रों की शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन
लखनऊ। योगी सरकार ने अब शिक्षा गुणवत्ता मापने की दिशा में एक अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को समझने और उसमें नीतिगत सुधारों के लिए आधार तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी के सहयोग से 4 दिसंबर को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 का आयोजन कराने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश में 9,715 चयनित विद्यालय शामिल हैं, जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसे और अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय सम्मिलित हैं। बता दें कि यह सर्वेक्षण देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किया जाएगा।
इस स्तर के छात्रों का होगा मूल्यांकन
यह सर्वेक्षण प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का आकलन करने के लिए किया जा जाएगा। सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की उपलब्धियों को आंका जाएगा, जो सैंपल्ड विद्यालयों में किया जाना है।
ये हैं सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु
कक्षा 3, 6 और 9 के लिए अलग-अलग विषयों को मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। इनमें कक्षा 3 और कक्षा 6 के लिए भाषा, गणित और हमारे आस-पास की दुनिया तथा कक्षा 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय को सर्वेक्षण का मुख्य बिंदु बनाया गया है।
किया गया है दायित्वों का निर्धारण
परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समन्वयक, डायट प्राचार्य एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के दायित्व निर्धारित किये गये हैं। इनमें जनपद स्तरीय समन्वयक द्वारा सर्वेक्षण का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सम्बन्धी समस्त दायित्वों का निर्वहन किया जाना शामिल है। इसके अलावा जनपद स्तरीय सहायक समन्वयक/मास्टर ट्रेनर द्वारा फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) का प्रशिक्षण निर्धारित समयावधि के अंतर्गत कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। सर्वेक्षण का कार्य प्रशिक्षित फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) से ही कराया जाना सुनिश्चित है।
इंवेस्टिगेटर के दायित्व हैं सुनिश्चित
फील्ड इंवेस्टिगेटर के दायित्व भी निश्चित हैं। असेंबली से पहले स्कूल पहुँच कर ये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य मिलेंगे और परख गाइडलाइन के अनुसार सर्वेक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ आरम्भ करेंगे। इन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि अचीवमेन्ट टेस्ट पैकेट सीलबंद है और सील टूटी हुई नहीं है। सेक्शन और छात्रों की आवश्यकता अनुसार सैंपलिंग करेंगे और कन्ट्रोल शीट भरना भी इनकी जिम्मेदारी होगी।
हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा डायट में होगा इन जिलों का प्रशिक्षण
एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक पावन सचान ने बताया कि गाजियाबाद, शामली, अमेठी, सम्भल और कासगंज में डायट नहीं हैं। इस वजह से इन जिलों हेतु संदर्भित सर्वेक्षण से सम्बन्धित समस्त कार्य क्रमशः प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद तथा एटा द्वारा सुनिश्चित कराये जायेंगे।
बच्चों की समझ और प्रदर्शन का होगा आकलन: संदीप सिंह
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की वास्तविक शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन हो सकेगा बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ठोस कदम भी उठाये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और गोपनीयता के साथ सुनिश्चित की जाएगी।
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