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उत्तर प्रदेश

सपा ने घोषित की भारी-भरकम 182 सदस्यीय कार्यकारिणी, अब्दुल्ला आजम बनाए गए सचिव

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akhilesh yadav sp

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने अपनी भारी-भरकम 182 सदस्यीय प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी है। पूर्व मंत्री अताउर्रहमान समेत 3 महासचिव और अब्दुल्ला आजम समेत 61 सचिव बनाए गए हैं। पार्टी का सितंबर, 2022 में राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ था और कार्यकर्ता तभी से प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने का इंतजार कर रहे थे।

राष्ट्रीय सम्मेलन में ही MLC नरेश उत्तम पटेल को प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया था। अब प्रदेश कार्यकारिणी में राजकुमार मिश्रा को कोषाध्यक्ष, मो. इरफानुल हक, सीएल वर्मा, श्याम लाल पाल और राजेंद्र एस बिंद को उपाध्यक्ष नामित किया गया है।

पूर्व विधायक जयशंकर पांडेय, विधायक व पूर्व मंत्री अताउर्रहमान और अनीसुर्ररहमान को महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य कार्यकारिणी में 48 सदस्य और 62 विशेष आमंत्रित सदस्य भी नामित किए गए हैं।

सपा की प्रदेश कार्यकारिणी में पीडीए का दबदबा

सपा की प्रदेश कार्यकारिणी में PDA (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) का दबदबा दिखा। 24 मुसलमान, 17 दलित और 11 यादवों को जगह मिली है। इस गणना में 63 विशेष आमंत्रित सदस्यों को शामिल नहीं किया गया है।

इस तरह से अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और सदस्यों की संख्या 119 है। इनमें 8 ब्राह्मण, 45 गैर यादव ओबीसी और 14 वैश्य, कायस्थ, जैन, सिख और ईसाई समुदाय से हैं। इसके अलावा कई विधायकों और पूर्व विधायकों को भी कार्यकारिणी में जगह दी गई है। विधायकों में डॉ. आरके वर्मा, नफीस अहमद और डॉ. रागिनी सोनकर प्रमुख हैं।

उत्तर प्रदेश

प्रदेश के 71 महाविद्यालयों में प्राचार्य से लेकर ग्रेड फोर तक के सभी पद होंगे सरकारी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित मंत्री परिषद की बैठक में प्रदेश में उच्च शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए शुक्रवार को दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसके अंतर्गत 71 नवनिर्मित/निर्माणाधीन महाविद्यालयों को राजकीय महाविद्यालय के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया गया है, जबकि बिजनौर जिले में विवेक विश्वविद्यालय के गठन को भी मंजूरी प्रदान की गई है। ये निर्णय प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण और वहनीय उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

71 महाविद्यालयों को राजकीय दर्जा ऐतिहासिक पहल

बैठक के बाद उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि विभाग के द्वारा वर्तमान में 171 राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं। इनमें 71 महाविद्यालय नवनिर्मित अथवा निर्माणाधीन हैं। इनमें से 17 संगठक महाविद्यालय के रूप में चयनित थे। पहले विश्वविद्यालयों द्वारा इनका संचालन किया जाता था। पिछले दिनों कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा इनके सुचारू संचालन को लेकर असमर्थता जाहिर की गई थी। जिसके बाद ये प्रस्ताव लाया गया कि 71 महाविद्यालयों का संचालन अब सीधे सीधे प्रदेश सरकार करेगी। अबतक इनमें संविदा के आधार पर लोग रखे जाते थे, अब सभी 71 महाविद्यालयों में 71 प्राचार्य के पद और प्रत्येक महाविद्यालय में 16-16 के आधार पर 1136 सहायक आचार्य के पद, 639 क्लास थ्री और 710 क्लास फोर के पद सृजत होंगे। इससे रोजगार के अवसर मिलेंगे साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

बिजनौर में खुलेगा विवेक विश्वविद्यालय

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय को संचालन का प्राधिकार पत्र प्रदान किया गया है। इससे अब प्रदेश में एक और निजी विश्वविद्यालय का संचालन शुरू होगा। इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सरकारी विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता और बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि यूपी में पिछले दो-ढाई साल में सर्वाधिक ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय उभर कर सामने आए हैं। फिलहाल नैक ग्रेडिंग में यूपी के 7 विश्वविद्यालय ए डबल प्लस, 4 ए प्लस हैं। इसके साथ ही 6 निजी विश्वविद्यालय ए प्लस और 4 निजी विश्वविद्यालय ए ग्रेड में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले यूपी का पहले कोई भी विवि टॉप 500 में भी नहीं था। आज टॉप 100 में प्रदेश के 3 विवि आ गये हैं। मंत्री ने बताया कि योगी सरकार का लक्ष्य अगले 5 साल में प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक विश्वविद्यालय खोलने का है।

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