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उत्तर प्रदेश

‘दंड नहीं न्याय’ के भारतीय मूल्यों पर आधारित हैं नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली: मुख्यमंत्री योगी

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● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में आगामी पहली जुलाई से लागू होने जा रही नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए:-

● आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वाधीनता दिवस के अवसर पर देश के सामने पंच प्रण लिए थे, इनमें से एक प्रण था – गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करना। इसी प्रण को पूरा करने के लिए संसद ने अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए इंडियन पीनल कोड, 1860, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (1898), 1973 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 कानूनों को समाप्त कर हम तीन नए कानून पारित किए हैं। यह कानून आगामी 01 जुलाई से उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में लागू होना है।

● नवीन व्यवस्था के अनुसार, इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 स्थापित होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 स्थापित होगा। नए भारत के ये तीनों स्वदेशी कानून प्रधानमंत्री जी के प्रण को पूरा करने वाले हैं।

● समाप्त किए गए तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य दंड देने का था, न कि न्याय देने का, जबकि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा वाला है।

● भारतीय मूल्यों को दृष्टिगत रखते हुए संसद द्वारा पारित तीनों नए कानूनों से हमारे आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन करने वाले होंगे।

● यह सुनिश्चित किया जाए कि तीनों नए कानून के लागू होने से पूर्व इनसे संबंधित राज्य स्तरीय अधिनियम, नियमावली, SoP, शासनादेशों में संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।

● नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है डेटा एनालिटिक्स, साक्ष्यों के संकलन, ई-कोर्ट, दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन जैसी हर प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग किया जाना है।इसके दृष्टिगत आवश्यक तकनीकी बदलाव बिना विलंब किए जाएं।

● फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट, लखनऊ का सहयोग लें। रेंज स्तर पर स्थापित सभी फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में हर जरूरी संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। सभी 75 जिलों में फॉरेंसिक लैब स्थापित कराएं। कोर्ट में पेशी के लिए हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर रखें। प्रस्ताव तैयार करें, शासन स्तर से पूरा सहयोग मिलेगा। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की तैनाती करें। जहां भी जैसी आवश्यकता हो, तत्काल बताएं, पूरा सहयोग मिलेगा।

● नए कानून सहजता से लागू किए जा सकें और अपने उद्देश्यों में सफल हों, इसके लिए तीनों नए कानूनों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना आवश्यक है। कॉन्स्टेबल, उपनिरीक्षक, इंस्पेक्टर, अभियोजक, जेल कर्मचारी आदि की विधिवत ट्रेनिंग कराएं। यह कार्य मास्टर ट्रेनर के तैयार कर आसानी से किया जा सकता है। बेहतर होगा कि इससे जुड़ी सामग्री का किट तैयार किया जाए। आम जनता को भी नए प्रावधानों/बदलावों के बारे में जागरूक करना होगा।

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उत्तर प्रदेश

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भीषण सड़क हादसा, सैफई मेडिकल कॉलेज के 5 डॉक्टरों की मौत

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कन्नौज। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुए एक भीषण सड़क हादसे में सैफई मेडिकल कॉलेज के 5 डॉक्टरों की मौत हो गई है। सभी दोस्त की शादी समाराेह अटेंड करे वापस लौट रहे थे, जब उनकी स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकराकर पलट गई और सामने से आ रहे ट्रक ने उसमें जोरदार टक्कर मार दी।

इस हादसे के वक्त स्कार्पियो सवार 6 लोग थे, जिनमें से 5 की मौके पर ही मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। मरने वाले सभी डॉक्टर सैफई मेडिकल कॉलेज से पीजी कर रहे थे। हादसे के समय स्कॉर्पियो की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटा के आस-पास बताई जा रही है। मृतकों की पहचान आगरा के निवासी डॉ. अनिरुद्ध वर्मा (29), भदोही के संतोष कुमार मौर्य (46), कन्नौज के डॉ. अरुण कुमार (34), बरेली के निवासी डॉ. नरदेव (35) और प्रयोगशाला तकनीशियन राकेश कुमार (38) के रूप में हुई है।

घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक कन्नौज,अमित कुमार आनंद ने बताया कि आगरा एक्सप्रेस-वे पर एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ दूसरी तरफ आकर ट्रक से टकरा गई। घटना में 5 लोगों की मौत हुई है। एक व्यक्ति घायल है। मृतक डॉक्टर थे। सभी के परिवारजनों को सूचित कर दिया गया है।

पुलिस ने बताया कि स्कॉर्पियो कार चालक का वाहन पर से नियंत्रण खो गया और वह डिवाइडर से टकरा गया। डिवाइडर से टकराने के बाद कार सड़क के दूसरी ओर जा गिरी, जिसके बाद एक ट्रक से उसकी टक्कर हो गई। चार डॉक्टर और एक लैब तकनीशियन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। PG का एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तिर्वा में भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।

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