उत्तर प्रदेश
40 दिनों में योगी सरकार ने 9 लाख से अधिक आपदा प्रभावितों को लगाया “मरहम”
लखनऊ| प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश की वजह से एक बार फिर से प्रदेश में बाढ़ का प्रकोप बढ़ने लगा है। ऐसे में योगी सरकार के निर्देश पर राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है ताकि प्रभावितों को कोई परेशानी न हो। वर्तमान में प्रदेश के 34 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। ऐसे में सीएम योगी इन इलाकों की लगातार मॉनिटरिंग करने के साथ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं। योगी सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में पिछले 40 दिनों में 9,41,232 लोगों को राहत सहायता पहुंचायी है। इसके साथ ही बाढ़ से क्षतिग्रस्त 2413 मकानों के सापेक्ष 2409 लाभार्थियों को निशुल्क आवास की सुविधा प्रदान की गयी है, जबकि 4 लाभार्थियों को लाभ देने की प्रक्रिया चल रही है।
बाढ़ से अब तक 16 लाख से अधिक की जनसंख्या हुई प्रभावित
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 34 जनपद बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई, अयोध्या, बहराइच, बदायूं, फर्रुखाबाद, बस्ती, देवरिया, मऊ, मुरादाबाद, रामपुर, महाराजगंज, उन्नाव, पीलीभीत, बांदा, जालौन, बुलंदशहर, प्रयागराज, वाराणसी, हापुड़, बिजनौर, सहारनपुर और श्रावस्ती शामिल हैं। इन बाढ़ प्रभावित जिलों की 34 तहसील के 89 गांवों, 42 वार्ड और 153 कटान गांव समेत कुल 16 लाख से अधिक जनसंख्या प्रभावित हुई। इनमें से 9,41,232 लोगों को राहत सहायता पहुंचाई गई है। वहीं आपदा में अब तक 17 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इनके परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 4-4 लाख रुपये की सहायता धनराशि प्रदान की जा चुकी है। वहीं 29 मवेशियों की बाढ़ के चपेट में आने से मौत हो चुकी है। योगी सरकार सभी पशु पालक को मुआवजा दे चुकी है। इतना ही नहीं बाढ़ की चपेट में आने से अब तक कुल 2413 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिसके सापेक्ष 2409 लाभार्थियों को निशुल्क आवास की सुविधा प्रदान की गयी है जबकि 4 लाभार्थियों को लाभ देने की प्रक्रिया चल रही है। राहत आयुक्त ने बताया कि 286 सार्वजनिक परिसंपत्तियां भी बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।
1629 बाढ़ चौकियों से आपदा पीड़ितों की मदद की जा रही
राहत आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में बाढ़ से प्रदेश की 3,17,255 हेक्टेयर जमीन प्रभावित है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए 2191 नाव और मोटरबोट का संचालन किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 2,38,617 खाद्यान्न पैकेट तथा 8,24,522 लंच पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 55 लंगर का संचालन किया जा रहा है। मवेशियों के लिए 2272 कुंटल से अधिक भूसा वितरित किया गया है। प्रदेश में अब तक 1374 बाढ़ शरणालय, 1629 बाढ़ चौकियां और 2716 मेडिकल टीम का गठन किया गया है। इसके अलावा अब तक कुल 17,884 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। प्रदेश में अब तक कुल 13,11,871 क्लोरीन टैबलेट एवं 3,61,186 ओआरएस का वितरण किया गया है। वर्तमान में बाढ़ शरणालय में 3797 व्यक्ति रह रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों को कामयाबी, एक दिन-एक शिफ्ट में होगी PCS की परीक्षा
प्रयागराज। प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है। UPPSC ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं। RO/ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही अब PCS की परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षाओं के दो दिन दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने आयोग के नोटिस जारी होने के साथ ही फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन किया।
अधिकारियों ने प्रदर्शनकरी छात्रों से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। जिसके बाद पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक आयोग से छात्रों के हितों में फैसले के लिए कहा। सीएम योगी की पहल के बाद आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया और छात्रों की एक दिन एक शिफ्ट में पेपर की मांग को मान स्वीकार कर लिया।
वहीँ आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी। आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।
कब होंगे पेपर?
जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।
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