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उत्तर प्रदेश

जब ब्रांड एम्बेसडर मुख्यमंत्री तो क्यों न इतराए टेराकोटा

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गोरखपुर। जिस उत्पाद के ब्रांड एम्बेसडर खुद मुख्यमंत्री हों, उसका इतराना तो स्वाभाविक होगा। गोरखपुर की माटी के अद्भुत शिल्प टेराकोटा के साथ यही स्थिति है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पहले इसे ओडीओपी में शामिल किया गया और फिर स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक हर मंच पर ऐसी ब्रांडिंग की कि टेराकोटा शिल्पकारों के लिए काम की कोई कमी नहीं है। टेराकोटा के डिमांड की रीच अब ग्लोबल होने जा रही है। इसका जरिया बनेगा नोएडा में होने वाला यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो। इस इंटरनेशनल ट्रेड शो में गोरखपुर के टेराकोटा के चार स्टाल लगाए जाएंगे। ब्रांडिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए सीएम योगी ने अभी गत दिनों पहली बार गोरखपुर आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को टेराकोटा शिल्प से बनी गणेश जी की प्रतिमा भेंट की।

योगी सरकार टेराकोटाकी लोकल के साथ ही ग्लोबल मार्केट में ब्रांडिंग के लिए प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में ग्रेटर नोएडा में 25 से 29 सितंबर तक आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो के दूसरे संस्करण में गोरखपुर की ओडीओपी में शामिल टेराकोटा उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इस ट्रेड शो में विश्व भर से खरीदार जुटेंगे। इस आयोजन में स्टाल लगने से टेराकोटा शिल्पकारों के हुनर को ग्लोबल मार्केट मिलेगा।

राष्ट्रीय पुरस्कार के सम्मानित टेराकोटा शिल्पकार राजन प्रजापति का कहना है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के पहले भो टेराकोटा शिल्पकारों के पास क्षमता तो थी लेकिन शासन के प्रोत्साहन और उचित प्लेटफार्म की कमी से इसका दायरा संकुचित होता जा रहा था। 2017 तक दम तोड़ रहे इस माटी शिल्प के लिए तारणहार बनकर आए। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 2018 में टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल किया और फिर तबसे यह शिल्प नई ऊंचाई को छू रहा है।

ओडीओपी में शामिल होने के बाद सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन के चलते टेराकोटा का कारोबार साल दर साल विस्तृत होता जा रहा है। इस साल की बात करें तो दिवाली के मद्देनजर सात करोड़ रुपये से अधिक के बाहरी राज्यों के ऑर्डर की सप्लाई की जा चुकी है और शिल्पकार अब त्योहार की स्थानीय आपूर्ति के लिए माल तैयार करने में जुटे हैं। सरकार (खुद सीएम योगी द्वारा) की तरफ से लगातार की जा रही ब्रांडिंग का असर यह है कि आज पुराने शिल्पकारों के पास काम की कोई कमी नहीं है। यही नहीं, टेराकोटा की भविष्य से जुड़ी संभावना को देखकर बड़ी संख्या में नए शिल्पकार और कारोबारी भी इससे जुड़े हैं।

टेराकोटा की ब्रांडिंग का कोई मौका नहीं चूकते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का टेराकोटा की मिट्टी शिल्प से बेहद लगाव है। वह इसकी ब्रांडिंग का कोई भी मौका नहीं चूकते हैं। अभी हाल ही में उन्होंने सैनिक स्कूल का उद्घाटन करने गोरखपुर आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को टेराकोटा से बनी गणेश जी की प्रतिमा भेंट की। इसके पहले 5 जून 2022 को गोरखपुर दौरे पर आए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी उन्होंने टेराकोटा की मूर्तियां भेंट की थीं। यही नहीं राष्ट्रपति के परिवार के लिए उन्होंने सर्किट हाउस में टेराकोटा के स्टाल भी लगवाए थे जहां राष्ट्रपति के परिवार और स्टाफ ने टेराकोटा उत्पादों की खूब खरीदारी की थी।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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