प्रादेशिक
जात नहीं, जमात की राजनीति करता हूं : पप्पू यादव
पटना | बिहार के मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से जनता दल (युनाइटेड) जद(यू) के अध्यक्ष शरद यादव को हरा चुके बाहुबली सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि वह ‘जात’ की नहीं, ‘जमात’ की राजनीति करते हैं। पप्पू हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से छह साल के लिए निकाले जा चुके हैं। उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब सामाजिक न्याय के नाम पर ‘पारिवारिक न्याय’ से काम नहीं चलेगा, वास्तविक सामाजिक न्याय की बात करनी होगी।
सांसद ने विशेष बातचीत में कहा, “लालू प्रसाद एक तरफ पार्टी को मजबूत करने की बात करते हैं, वहीं राजद की विचारधारा को मजबूत करने और गरीबों की मदद करने वाले पप्पू यादव को पार्टी से निकाल रहे हैं।” बकौल पप्पू, लालू प्रसाद अपने आलोचकों और स्वाभिमान वाले व्यक्तियों को अपने साथ कभी नहीं रख सकते। उन्हें केवल चाटुकारों और माफियाओं से प्रेम है। उन्होंने कहा, “मैंने राजनीति में सिस्टम के बदलाव की लड़ाई लड़ी। राजद में कार्यकर्ताओं को अपमानित होना पड़ रहा है। इसके लिए मैंने लालू प्रसाद से कई बार बात की, परंतु अंत में मुझे ही दरकिनार कर दिया गया।”
सांसद पप्पू ने आरोप लगाया कि लालू ने उन्हें हर समय इस्तेमाल किया। राजद और जद(यू) गठबंधन के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “पुराने जनता परिवार के बीच विलय सिर्फ मेरे कारण नहीं हुआ। सभी लोगों को डर था कि पप्पू को ‘लालटेन’ मिल जाएगा। अब राजद-जद(यू) गठबंधन कर रहे हैं। यह गठबंधन बेमेल और सिर्फ सत्ता के लिए होगा। इससे बिहार का कल्याण नहीं होने वाला।” नई पार्टी बनाने के विषय में पप्पू ने स्पष्ट कहा कि वह जमात की राजनीति करते हैं और नई पार्टी बनाने को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने वाले हैं, उसके बाद ही इस पर कोई निर्णय लेंगे।
लालू के शासनकाल को जंगलराज कहा जा रहा है, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? इस सवाल पर पप्पू ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, “जंगलराज का मतलब यादवराज बना दिया गया। गलती किसी ने की और भोगा पूरी जमात ने। यह पूरी जमात का दुर्भाग्य है कि उसे नौ वर्षो तक गाली सुनने को मिला।” लालू को आप यादव जाति का नेता मानते हैं? इसके जवाब में उन्होंने लालू पर तंज कसते हुए कहा, “जब मुलायम सिंह यादव के प्रधानमंत्री बनने का मौका आया था, तब लालू ने मुलायम का समर्थन नहीं किया था। इसको लेकर मुलायम सिंह ने सार्वजनिक रूप बयान भी दिए हैं, और आज जब वे रिश्तेदार हो गए तब मुलायम अच्छे हो गए, यादव हो गए।”
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोसी क्षेत्र बिहार की दिशा तय करेगा। कोसी के लोगों को हर वक्त छला गया है। आप पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का हर वक्त साथ देंगे? इस सवाल पर पप्पू ने सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा, परंतु इतना जरूर कहा, “मांझी गरीबों, पिछड़ों की बात तो करते हैं।” सांसद ने कहा, “लालू प्रसाद सिर्फ परिवार हित पर ध्यान दे रहे हैं, यही कारण है कि पप्पू जैसे व्यक्ति को तिरस्कृत कर दिया गया।” उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पांचवीं बार सांसद बने पप्पू यादव को राजद ने छह मई को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। नीतीश कुमार और मांझी के बीच ठनी लड़ाई में उन्होंने जद(यू) से निष्कासित मांझी का पक्ष लिया था।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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