प्रादेशिक
जम्मू में लापरवाही के आरोप में चिकित्सक निलंबित
जम्मू| जम्मू में सोमवार को एक सरकारी अस्पताल के चिकित्सक को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। आरोप है कि उसकी लापरवाही के कारण एक मरीज की जान चली गई। स्थानीय चिकित्सकों की समिति ने हालांकि चिकित्सक के निलंबन पर विरोध जताया और कहा कि मरीज की मौत चिकित्सक की लापरवाही से नहीं बल्कि ड्रिप के दुष्प्रभाव के कारण हुई।
चिकित्सक का नाम सुशील पंडित है और वह जम्मू के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज में तैनात थे।
अस्पताल के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि सुशील को चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने लापरवाही के आरोप में निलंबित किया है।
स्थानीय चिकित्सकों के संघ ने आरोप लगाया है कि सुशील के निलंबन का आदेश वास्तविक दोषियों को बचाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग के दबाव में जारी किया गया है।
अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज शर्मा ने कहा, “अस्पताल में ड्रिप के दुष्प्रभाव से मरीज की मौत का यह पहला मामला नहीं है। चिकित्सकों ने पहले ही अस्पताल प्रशासन के संज्ञान में यह बात लाई थी कि ड्रिप में कुछ समस्या है।”
उन्होंने कहा, “हमें हैरानी है कि किसी चिकित्सक को कैसे बिना जांच के निलंबित किया जा सकता है।”
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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