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प्रादेशिक

कश्मीर की पहचान मिटा रही केंद्र सरकार : विधायक

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श्रीनगर | जम्मू एवं कश्मीर के एक निर्दलीय विधायक ने रविवार को अपने राज्य की विशिष्ट पहचान बचाने का संकल्प लिया और केंद्र में आईं सरकारों पर औपनिवेशिक बर्ताव का आरोप लगाया। विधायक इंजीनियर राशिद ने श्रीनगर में एक सार्वजनिक सभा में कहा, “केंद्र सरकार ने हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है और वह अपने वादों से मुकर गई है। लेकिन दुर्भाग्यवश हमारे स्थानीय नेता, फिर चाहे वह नेशनल कॉफ्रेंस के हो या फिर मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद, जिन्होंने अपनी कुर्सी बचाने के लिए हमारे राष्ट्रीय गौरव का समर्पण कर दिया है।”

उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर का अपना ध्वज, संविधान और राष्ट्रगीत है, जिसकी संसद ने 1952 के दिल्ली समझौते के जरिए गारंटी दी है। राशिद ने कहा, “आज हम भारतीय नेतृत्व से दिल्ली समझौते को बहाल करने और अपने वादे पूरा करने के लिए कह रहे हैं। श्रीनगर और दिल्ली के बीच दूरी और अलगाव कम करने के लिए यह एकमात्र रास्ता है।” 1952 में इस दिन उस समय की जम्मू एवं कश्मीर संविधान सभा ने राज्य के ध्वज को अपनाया था। कुपवाड़ा जिले के लंगेट से विधायक राशिद सात जून को राज्य के ध्वज दिवस के रूप में मनाने तथा इस दिन जम्मू एवं कश्मीर में अवकाश घोषित करने की मांग की।

संविधान सभा ने ध्वज के संबंध में प्रस्ताव पारित किया है कि यह ध्वज आकार में आयताकार होगा। लाल रंग के इस झंडे में तीन खड़ी पक्तियों के साथ मध्य में सफेद हल होगा, जिसके हैंडल नीचे की तरफ होंगे। उन्होंने कहा, “शेख मुहम्मद अब्दुल्ला, मिर्जा अफजल बेग, कृष्ण देव सेठी सहित संविधान सभा के 21 सदस्यों ने भाषण दिए, लेकिन उनमें से किसी एक ने भी जम्मू एवं कश्मीर राज्य का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने इसे एक देश के रूप में उल्लिखित किया और जाति, धर्म, रंग और धर्म के बिना इसके विशिष्ट दर्जे की सुरक्षा करने का वादा किया।” राशिद ने कहा कि संविधान की धारा 370 के तहत कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया है और इसे इसके वास्तविक स्वरूप में ही रखना चाहिए।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में भीषण सड़क हादसा, डीसीएम-ऑटो की टक्कर में 10 की मौत

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हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई में हुए एक भीषण सड़क हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई। यहां के बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र में कटरा बिल्हौर-हाईवे पर डीसीएम और ऑटो की आमने-सामने से टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो के परखच्चे उड़ गए।

हादसे की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उनके परिजनों को सूचित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण ऑटो और डीसीएम की तेज रफ्तार बताई जा रही है। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने कहा कि मृतकों के परिवारों को जल्द ही उचित सहायता प्रदान की जाएगी और हादसे की विस्तृत जांच की जाएगी।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी ने हरदोई में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लिया है। सीएम योगी ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित उपचार के लिए भी निर्देश दिए हैं।

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