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प्रादेशिक

मप्र : दलित महिला के विद्यालय सत्याग्रह को मिला सबका साथ

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मुरैना | मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पुरावसाकलां गांव में माध्यमिक विद्यालय के लिए एक दलित महिला द्वारा किए जा रहे सत्याग्रह को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। सोमवार को आयोजित ‘जेल भरो आंदोलन’ में बढ़ते जनसमर्थन का नजारा भी देखने को मिला। पुरावसाकलां गांव की पूर्व सरपंच बादामी बाई ने अपने कार्यकाल में माध्यमिक विद्यालय शुरू कराने की हर संभव कोशिश की थी। इसके लिए उसने अपने पति चिम्मन द्वारा जोती जा रही पांच बीघा जमीन पर विद्यालय बनाने पर भी सहमति दे दी, काम भी शुरू हो गया था, मगर बात आगे नहीं बढ़ी। बादामी बाई अब सरपंच नहीं हैं, मगर उनका माध्यमिक विद्यालय के लिए संघर्ष जारी है। वह जिला मुख्यालय पर सत्याग्रह कर रही हैं।

बादामी देवी ने विद्यालय सत्याग्रह के तहत सोमवार को जेल भरो आंदोलन का आयोजन किया तो देश के विभिन्न हिस्सों से लोग उनके समर्थन में मुरैना पहुंचे। जनसभा में तमाम वक्ताओं ने बादामी के संघर्ष को सामंती सोच के खिलाफ आंदोलन बताया। स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यायल सिर्फ इसलिए नहीं बन पा रहा है, क्योंकि प्रस्तावित जमीन दलित बस्ती के करीब है। जेल भरो आंदोलन की सभा में समाजसेवी व चिंतक रघु ठाकुर ने कहा कि यह आंदोलन सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर तबके का आंदोलन है।  जनसभा में एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रनसिंह परमार, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शंभू लाल बघेल, प्रदेशाध्यक्ष श्याम सुंदर यादव, बहुजन संघर्ष दल के हेमंत सागर सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

संघर्ष समिति के संयोजक जयंत सिंह तोमर ने बताया है विद्यालय की मांग पूरी नहीं होने पर 10 जून से पुरावसाकलां में आमरण अनशन शुरू किया जाएगा। इस बीच, जिला शिक्षा अधिकारी आर.एन नीखरा ने इस मामले पर आईएएनएस से कहा, “प्राथमिक पाठशाला के पास की भूमि पर माध्यमिक पाठशाला की इमारत का निर्माण करवाया जा रहा है। पूर्व में जिस स्थान पर इमारत के निर्माण का प्रस्ताव था, उसकी अनुमति नहीं ली गई थी।”

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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