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प्रादेशिक

ज्वैलरी की दुकान पर चोरी का अजीबों-गरीब मामला, ग्राहक बनकर आये 5 लाख रुपये का गहना लेकर फरार

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भद्रक। ओडिशा के भद्रक जिले में एक ज्वैलरी की दुकान पर चोरी का अजीबों-गरीब मामला देखने को मिला है। दरअसल यहां एक दुकान पर गहने खरीदने आया एक शख्स मात्र कुछ ही मिनटों में दुकान से 5 लाख रुपये का गहना लेकर फरार हो गया। यह घटना भद्रक की एक ज्वैलरी शॉप की है। यहां दो बदमाश पहले तो ग्राहक बनकर ज्वैलरी शॉप में घुसे। शोरूम के कर्मचारियों को लगा कि ये लोग असली ग्राहक हैं। एक बदमाश ने तो स्टाफ को नमस्कार तक किया, ताकि किसी को उनके चोर होने पर शक न हो सके। इस दौरान दौरान बदमाशों ने शोरूम पर काम कर रहे कर्मचारी से गहने दिखाने की बात कही।

गहने देखने के बहाने चोरी

इस दौरान जैसे ही स्टाफ ने उन्हें गहने दिखाने शुरू किए, उन्होंने बहाने से गहनों की तस्वीर खींची और कहा कि वे घर पर तस्वीर भेजकर सलाह लेंगे। इसके बाद बदमाशों ने फोन पर बात करने का नाटक किया और अचानक शोरूम से भाग निकले। शोरूम में लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी घटना कैद हो गई। फुटेज में साफ दिख रहा है कि बदमाश कितने प्रोफेशनल थे। उन्होंने शोरूम में केवल कुछ मिनट बिताया और पूरी वारदात को बिना किसी हड़बड़ी के अंजाम दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से बदमाशों की पहचान की जा रही है।

सीसीटीवी में कैद हुई चोरी की घटना

बता दें कि इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पहले चोर शोरूम के अंदर आते हैं। इसके बाद वह शोरूम में काम कर रहे लोगों से गहने दिखाने को कहते हैं। इसके बाद दुकानदार उन्हें गहने दिखाने लगते हैं। तभी वह एक सोने का हार चोरों को दिखाता है। देखते ही देखते चोर पहले तो गहने को बॉक्स से निकालकर हाथों में लेता है और फिर धीरे से वह आगे बढ़ता है और फिर तेज रफ्तार से दुकान से निकलकर भाग जाता है। जबतक दुकान में काम कर रहे लोगों को समझ आता है, तब तक चोर वहां से फरार हो जाता है। बता दें कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है और चोरों की पहचान कर रही है।

उत्तर प्रदेश

अनूठी पहल- किसानों को पराली के बदले गोवंश खाद दे रही योगी सरकार

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लखनऊ,:योगी सरकार पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में बेतहाशा कमी आयी है। योगी सरकार ने किसानों के हित में अनूठी पहल शुरू की है, जिसमें पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना चलाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह अभिनव अभियान प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा खाद का उपयोग

प्रदेश में हर वर्ष फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती थी, जिससे वायु प्रदूषण गंभीर रूप से प्रभावित होता है। इसे रोकने के लिए योगी सरकार ने 28 अक्टूबर से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान का संचालन किया। अभियान के दौरान प्रदेश में 2,90,208.16 कुंतल पराली एकत्रित की गई और किसानों को इसके बदले 1,55,380.25 कुंतल गोवंश खाद वितरित की गई। इस खाद का उपयोग जैविक खेती और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा है। अभियान के तहत प्रदेश के कई जनपदों ने उत्कृष्ट कार्य किया।

इनमें वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच शामिल हैं। इन जनपदों में किसानों ने बड़े पैमाने पर पराली जमा की और खाद का लाभ लिया। अभियान के माध्यम से पराली के बदले गोवंश खाद वितरण से निराश्रित गोवंश संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है। गो-आश्रय स्थलों में एकत्रित गोवंश खाद किसानों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे पशुपालन विभाग की सक्रियता और प्रभावी कार्यशैली भी उजागर होती है।

जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा, पर्यावरण संरक्षण को मिल रही दिशा

योगी सरकार की यह पहल सिर्फ अस्थायी समाधान नहीं है, बल्कि पारदर्शी सोच को दर्शाता है। इससे जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं किसानों की उत्पादन लागत भी घटेगी, यह पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। योगी सरकार का ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान किसानों, पर्यावरण और समाज के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न सिर्फ पराली जलाने की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर रही है, बल्कि किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रही है। योगी सरकार की इस पहल से प्रदेश में हरित क्रांति की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।

अभियान से यह हो रहा फायदा

पराली जलाने से रोकथाम – किसान पराली जलाने की बजाय उसे सरकार को सौंपकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।

जैविक खाद प्राप्ति – गोवंश खाद के रूप में किसानों को प्राकृतिक खाद प्राप्त हो रही है, जो रासायनिक खादों के उपयोग को कम कर रही है और भूमि की गुणवत्ता सुधार रही है।

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