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बिजनेस

सेबी, फॉरवर्ड मार्केट कमीशन का विलय

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मुंबई।  केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में सांकेतिक ओपेनिंग बेल बजाकर शेयर बाजार नियामक ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय आयोग’ (सेबी) तथा कमोडिटी वायदा बाजार नियामक फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन के विलय की घोषणा की। फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन की स्थापना 1953 में की गई थी, जबकि सेबी की स्थापना 1988 में एक गैर-संवैधानिक निकाय के रूप में की गई थी। 1992 में यह एक स्वायत्त और पूर्णत: आत्मनिर्भर संस्थान बन गया।

मुंबई के ट्राइडेंट होटल में आयोजित समारोह में जेटली ने कहा, “इस विलय से पता चलता है कि हमारा बाजार कितना बड़ा हो गया है। इससे यह भी पता चलता है कि विभिन्न क्षेत्रों की चुनौतियों में किस तरह से बदलाव आया है।”

जेटली ने कहा कि भारत को लगातार बदलाव, विकास और सुधार के रास्ते पर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा, “हमारा देश आज 6-8 फीसदी विकास दर से संतुष्ट नहीं है।”

सेबी अध्यक्ष यूके सिन्हा ने कहा कि विलय के बाद मुख्य प्राथमिकता होगी देश के कमोडिटी बाजार में विश्वास बहाल करना। उन्होंने कहा, “बाजार का विकास करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।”

जेटली ने इस साल के बजट भाषण में ही दोनों नियामकों के विलय का संकेत दे दिया था।

उन्होंने कहा था, “कमोडिटी फॉरवर्ड मार्केट के नियमन में मजबूती लाने के लिए और सट्टेबाजी को नियंत्रित करने के लिए मैं फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन का सेबी में विलय करने का भी प्रस्ताव रखता हूं। वित्त विधेयक 2015 में इसके लिए सरकारी प्रतिभूति अधिनियम और आरबीआई अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव रखता हूं।”

उल्लेखनीय है कि वजाहत हबीबुल्ला की अध्यक्षता में प्रतिभूति एवं कमोडिटी डेरीवेटिव्स बाजारों के विलय पर अंतर-मंत्रालयी कार्य दल ने मई 2003 में इस विलय के लिए सिफारिश की थी।

प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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