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प्रादेशिक

डीएनए परीक्षण से खुलासा, प्रेमी ही है बेटी का बाप

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इंदौर| मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महिला को अपनी बेटी को उसका पितृत्व हक दिलाने के लिए लड़ी जा रही कानूनी लड़ाई में डीएनए परीक्षण ने जीत दिलाई है। कुटुम्ब न्यायालय के निर्देश पर कराए गए डीएनए परीक्षण की जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे इस बात का खुलासा हुआ है कि महिला का प्रेमी ही उसकी बेटी का बाप है। अधिवक्ता मनीष यादव ने संवाददाताओं को बताया है कि सुखलिया निवासी सुनीता भदौरिया और स्कीम नम्बर 94 निवासी रमेश वर्मा पहले लिव इन रिलेशन में साथ रहते थे। दिसंबर 2012 तक रमेश सुनीता और बेटी के सारे खर्च भी वहन करता था। लेकिन 2013 से उसने खर्च उठाना बंद कर दिया था।

इसके बाद सुनीता ने 2013 में कुटुम्ब न्यायालय में रमेश वर्मा के खिलाफ याचिका दायर कर अपने और अपनी पुत्री के भरण-पोषण के लिए भत्ते की मांग की थी। यादव के मुताबिक, याचिका के जवाब में रमेश ने कहा था कि उसके सुनीता के साथ किसी भी तरह के संबंध नहीं थे और बेटी उसकी नहीं है। तब सुनीता ने डीएनए परीक्षण कराने की मांग की थी।

सुनीता के आवेदन पर कुटुम्ब न्यायालय ने हैदराबाद की सीडीएफडी प्रयोगशाला को तीनों के डीएनए परीक्षण करने का निर्देश दिया था। न्यायालय के आदेश पर तीनों के रक्त नमूने हैदराबाद भेजे गए थे। शनिवार को न्यायालय में डीएनए रिपोर्ट  पेश की गई। रिपोर्ट  पढ़ने के बाद न्यायाधीश आर. पी. वर्मा ने प्रतिवादी रमेश को बुलाया और उसे रिपोर्ट देते हुए कहा कि बच्ची के पिता आप ही हैं। इस तरह डीएनए रिपोर्ट  से यह साबित हो गया है कि रमेश ही सुनीता की बेटी का पिता है।

 

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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