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प्रादेशिक

कालीन बुनाई में दिखेगी महिलाओं की हुनरमंदी

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भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही का कालीन अपनी खूबसूरत बेलबूटे और नक्काशी के लिए दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन हाल के दिनों में कुशल कारीगरों एवं सरकारों की उपेक्षा के चलते यह उद्योग दम तोड़ रहा है, लेकिन इस समस्या से निजात के लिए प्रदेश की अखिलेश सरकार ने दिलचस्पी दिखाई है। उद्योग से महिलाओं को जोड़ने के लिए सरकार वुमेन ट्रेनिंग सेंटर खोलने जा रही है। सरकार की यह परियोजना इस महींने या नए साल से शुरू हो जाएगी। सरकार की इस पहल से निर्यातक अधिक खुश हैं।

भदोही जिले में शहरी हिस्सा बेहद कम है। यह जिला आम तौर पर ग्रामीण इलाके से जुड़ा है। कालीन यहां का प्रमुख उद्योग है। दुनिया की सबसे बेहरीन कालीनों में भदोही का नाम आता है। लेकिन हाल के दिनों में निर्यात में छाई मंदी के चलते कालीन उद्योग से कुशल मजदूरों का पलायन शुरू हो गया, जिससे इस उद्योग पर संकट आ गया।

निर्यातकों ने मनरेगा को कालीन उद्योग से जोड़ने का मसला उठाया, लेकिन इस पर विचार नहीं हो सका। ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े होने के नाते कालीन उद्यमियों की मांग पर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने इससे महिलाओं को जोड़ने का मन बनाया है।

कालीन निर्यातक तनवीर हुसैन ने बताया, “हमने सरकार से 50 सेंटर की मांग की है। मुख्य केंद्र भदोही रहेगा। इसके अलावा 10-10 किलोमीटर पर सेंटर खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन सेंटरों पर प्रशिक्षक रखे जाएंगे, जो कालीन उद्योग से जुड़ने वाली महिलाओं को कालीन बुनाई सिखाएंगे।”

उन्होंने कहा कि महिलाओं को आर्थिक मदद भी मिलेगी तथा कालीन उद्यमियों की तरफ से भी उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद महिलाएं अपने खाली समय में कालीन बुनाई का काम कर सकती हैं।

इतना तो तय है कि महिलाओं के इस उद्योग से जुड़ने से जहां उनकी माली हालत में सुधार आएगा, वहीं वे आर्थिक तौर पर भी संपन्न होंगी। महिलाओं के जुड़ने से कालीन उद्योग को लाभ मिलेगा और दूसरी तरफ उद्योग में कुशल श्रमिकों की समस्या भी दूर होगी।

हुसैन ने बताया कि प्रदेश सरकार कालीन उद्योग की बेहतरी के लिए बेहतर सहयोग कर रही है। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भी भेजा जाएगा, ताकि वह भी इस उद्योग में सहयोग करे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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