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प्रादेशिक

उप्र सरकर अब खुद चलाएगी स्वास्थ्य बीमा योजना

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लखनऊ। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना बंद कर दिया है। केंद्र के इस कदम से नाराज अखिलेश सरकार ने अब खुद इस बीमा योजना को चलाने का फैसला लिया है। यह बीमा योजना हालांकि बदले हुए स्वरूप में लागू होगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में बीपीएल कार्ड धारकों को इस योजना का लाभ मिलता था, जबकि प्रदेश सरकार इसका लाभ 40 लाख समाजवादी पेंशनधारकों को देगी।

प्रदेश में यह समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना के नाम से संचालित होगी। प्रदेश में इस योजना को चलाने में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विशेष रुचि है। उनके निर्देश पर ही चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए अगले वित्तीय सत्र के बजट में 130 करोड़ रुपये का प्रावधान करने जा रहा है।

केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 100 करोड़ रुपये देती थी। इससे लगभग 45 लाख बीपीएल कार्ड धारकों को 30 हजार रुपये तक निजी व सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलती थी। इस योजना में केंद्र का 75 फीसदी और प्रदेश का 25 फीसदी अशंदान था। लेकिन केंद्र ने इस साल सितंबर में अपना अंशदान देना बंद कर दिया। राज्य सरकार के बार-बार आग्रह के बावजूद केंद्र ने योजना के लिए बजट जारी नहीं किया।

इससे खफा होकर राज्य सरकार ने ‘108’ समाजवादी एम्बुलेंस सेवा की तर्ज पर इस योजना को खुद अपने बजट से चलाने का फैसला किया। ‘108’ एम्बुलेंस सेवा पर समाजवादी लिखे जाने के बाद केंद्र सरकार ने धन नहीं दिया था। इसके बाद राज्य सरकार इस एम्बुलेंस सेवा को अपने बजट से संचालित कर रही है।

राज्य सरकार का मानना है कि समाजवादी पेंशन पाने वाले भी बीपीएल कार्ड धारकों की श्रेणी में ही आते हैं। ऐसे में समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उन्हीं दिए जाएगा।

राज्य सरकार इस योजना के तहत समाजवादी पेंशन धारकों की कैंसर, हृदयरोग, किडनी और लीवर संबंधी गंभीर बीमारियों का इलाज निजी व सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क कराएगी। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग इस योजना को चलाने के लिए टेंडर के सहारे बीमा कंपनियों को आमंत्रित करेगा।

प्रमुख सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य बीमा योजना खुद चलाने पर विचार कर रही है। इसके परिणाम जल्द सामने आएंगे।

वहीं समाजवादी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य व पूर्व राज्यमंत्री सुनील सिंह साजन का मानना है कि उप्र सरकार के साथ केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है, लेकिन प्रदेश में इस योजना को चलाने में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विशेष रुचि है और कोई भी योजना मुख्यमंत्री बंद नहीं होने देंगे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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