मुख्य समाचार
शहीद ले. कर्नल पर की अपमानजनक टिप्पणी, गिरफ्तार
मलप्पुरम (केरल)। एक तरफ जहां पूरा देश पठानकोट में हुए आंतकी हमले में शहीद सेना के जांबाजों को अपनी भावभीनी विदाई दे रहा था, वहीं कोई ऐसा भी था जो इस शहादत पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहा था. लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार समेत 6 अन्य जवान शहीद हो गए। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में केरल के एक फेसबुक यूजर ने शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन पर अपमानजनक टिप्पणी कर दी। कॉमेंट करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने राष्ट्रदोह के आरोप में गिरफ्तार किया है।कॉमेंट करने वाले अनवर ने अपने कॉमेंट में लिखा, ‘एक मुसीबत कम हुई, अब! अब उनकी पत्नी को वित्तीय सहायता और नौकरी दी जाएगी। आम आदमी को कुछ नहीं मिलता। कैसा बदबूदार लोकतंत्र है!’ मामले पर तुरंत ऐक्शन लेते हुए मलप्पुरम निवासी 24 वर्षीय अनवर को एसीपी जोसी चेरियन के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने कोडुर स्थित उसके घर से आईपीसी के सेक्शन 124 (राष्ट्रदोह) के तहत मंगलवार दोपहर 1:30 बजे गिरफ्तार कर लिया है।
उसके यह कॉमेंट करते ही सोशल मीडिया पर लोग उस पर बरस पड़े और उसकी जमकर आलोचना की। उसकी प्रोफाइल के मुताबिक वह एक मलयालम न्यूजपेपर ‘माध्यमम’ के लिए काम करता है। पुलिस में शिकायत भी किसी और ने नहीं बल्कि अखबार के मैनेजमेंट ने ही की, साथ ही मैनेजमेंट ने इस बात से भी इनकार किया है कि अनवर ने कभी उनके यहां काम किया है। अनवर एक राशन की दुकान पर सेल्समैन का काम करता है। उसने अपनी प्रोफाइल पर माध्यमम का जिक्र इसलिए किया ताकि लोग उसे गंभीरता से लें। एसीपी चेरियन के मुताबिक, ‘कॉमेंट को डिलीट कर दिया गया था, ऐसे में पोस्ट को रीकवर कर पाना मुश्किल होगा। लेकिन मामले में पूछताछ जारी है।’ सोमवार को शहीद निरंजन का पार्थिव शरीर एयरफोर्स के स्पेशल विमान से बेंगलुरु स्थित उनके घर पहुंचा। निरंजन एनएसजी में बम निरोधक दस्ते के प्रमुख थे और पठानकोट में हुए आंतकी हमले के दौरान उनकी मौत भी एक बम डिफ्यूज करने की कोशिश में ही हुई थी। निरंजन अपने पीछे 18 महीने की बच्ची छोड़ गए हैं। निरंजन की मौत पर उनकी बहन ने सबके सामने बहुत ही गर्व से कहा था, ‘मेरा भाई अर्जुन था।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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