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प्रादेशिक

बुंदेलखंड : 70 हजार आबादी को पानी नसीब नहीं

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हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे की जनता को सुबह-शाम पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। लोग हैंडपम्पों के सहारे प्यास बुझाने को विवश हैं। जल संस्थान का कहना है कि रोस्टर में आए बदलाव से ऐसा हो रहा है। यदि सहजना, पत्योरा व सुमेरपुर के तीनों फीडर सुबह-शाम एक साथ चलाए जाएं तो पेयजल की समस्या खत्म हो सकती है। सुमेरपुर कस्बे के प्रो. डॉ. भवानीदीन, प्रो. स्वामी प्रसाद, डॉ.आलोक पलीवाल, राजकुमार ओमर, भोला तिवारी व इमिलिया थोक के रामगणेश शात्री ने पेयजल संकट के बारे में बताया कि एक पखवाड़े से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई है।

उन्होंने बताया कि सुबह-शाम दोनों वक्त पानी न मिलने से हैंडपम्पों का सहारा लेना पड़ रहा है। वहां लंबी लाइन लगाने के बाद एक-एक बाल्टी बमुश्किल पानी मिल पाता है। सुबह तैयार होकर सरकारी, गैर सरकारी, व्यापार, विद्यालय व विभिन्न कार्यों के लिए सबको जाना होता है। पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन जब सप्लाई नहीं मिल रही तो भारी दिक्कत हो रही है।

उन्होंने बताया कि शाम को भी पानी नहीं मिलता और सबुह भी नहीं तो पूरी आबादी पेयजल के घोर संकट से जूझ रही है। जल संस्थान के वरिष्ठ लिपिक रोहित चौरसिया का कहना है कि बिजली के अलग-अलग रोस्टर के कारण यह समस्या हो गई है।

लिपिक ने बताया कि बाकी रोड में स्थित नलकूप सहजना फीडर से चलते हैं, जबकि रानी लक्ष्मीबाई पार्क का नलकूप पत्योरा फीडर से संचालित है। ग्रामीण क्षेत्र व कस्बे के रोस्टर के समय का अंतराल होने से पेयजल की सप्लाई नहीं हो पा रही है, क्योंकि जब कस्बे में बिजली है तब देहात की ठप रहती है।

हाल यह है कि जब देहात की सप्लाई होती है, तब कस्बे की नहीं होती। यदि सुबह शाम, सजना, पत्योरा व टाउन तीनों फीडरों से विद्युत सप्लाई मिलने लगे तो पेयजल समस्या खत्म हो जाएगी।

विद्युत विभाग का कहना है कि ओवरलोड के चलते विभिन्न फीडरों में अलग-अलग सप्लाई दी जा रही है। एक साथ सप्लाई देना फिलहाल संभव नहीं है। उधर, कस्बे में आम जन मानस का कहना है कि पानी जीवन का मुख्य आधार है। जल संस्थान चाहे जो करे, पेयजल आपूर्ति जरूरी है। बिना पानी के काम नहीं चल सकता।

लोगों का यह भी कहना है कि जल संस्थान को नलकूप चलाने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करनी चाहिए। जब बिजली मिले तो बिजली से, वरना अन्य व्यवस्था कर नलकूप चलाए जाएं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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