Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

दिल्ली में दिखी केरल की झलक

Published

on

Loading

नई दिल्ली| ‘ईश्वर की भूमि’ के रूप में मशहूर केरल, भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य, राज्य की संपन्न संस्कृति एवं विरासत मनोहर है। केरल पर्यटन को बढ़ावा देने और नए अभियानों द्वारा और अधिक सैलानियों को आकर्षित करने के उद्देश्य से नई दिल्ली स्थित पांच सितारा होटल ‘द ललित’ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में का आयोजन किया गया, जहां ‘केरल टूरिज्म’ के उप निदेशक नन्दा कुमार संवाददाताओं से मुखातिब हुए।

कार्यक्रम के दौरान केरल की संस्कृति को प्रदर्शित करता सांस्कृतिक कार्यक्रम विशिष्ट आकर्षण का केंद्र रहा।

कुमार ने बताया कि 2015 में करीब 7,75,390 विदेशी पर्यटक केरल आए, जबकि घरेलू पर्यटकों की संख्या 76,71,277 रही।

उन्होंने बताया कि ‘केरल टूरिज्म’ ने अप्रैल 2015 से अप्रैल 2016 की अवधि को ‘विजिट केरल वर्ष’ घोषित किया है।

कुमार से पूछा गया कि वह केरल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किस प्रकार की पहल शुरू कर रहे हैं, तो उन्होंने आईएएनएस को बताया, “हम विपणन क्षेत्र में अधिक सक्रिय हैं लेकिन दिल्ली एक व्यस्त शहर है, जहां लोगों को छुट्टी की काफी जरूरत है, तो हम उन्हें केरल आने का सुझाव दे रहे हैं।”

केरल के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चीन, श्रीलंका जैसे नए बाजार तलाशना, अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे बाजारों में व्यापार मेले और रोड शो के जरिए परंपरागत बाजारों के यात्रियों को भी आकर्षित करना लक्ष्य शामिल हैं।

कुमार से जब पूछा गया कि विभिन्न राज्यों के विपरीत केरल पर्यटन क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए क्या नया कर रहा है? उन्होंने आईएएनएस को बताया, “पर्यटन के प्रचार के लिए जो हम करेंगे, वह अनूठा होगा। हम अन्य राज्यों से विपरीत पर्यटकों को अधिक छूट देने के लिए तैयार हैं।”

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

Published

on

Loading

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

Continue Reading

Trending