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प्रादेशिक

उप्र उपचुनाव तय करेगा विधानसभा चुनाव की दिशा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर 13 फरवरी को होने वाले उपचुनाव को समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस सेमीफाइनल मान रही हैं। इनका मानना है कि इसमें मिले वोट अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की दशा और दिशा तय करेंगे।

सपा के लिए तीनों सीटों के उपचुनाव प्रतिष्ठा का सवाल हैं। दलित वोट कभी भी पार्टी के पास नहीं रहे थे। सपा इस बार भी इस वोट बैंक पर भरोसा नहीं कर रही है। यदि एक सीट भी पार्टी के हाथ से निकली तो पंचायत चुनाव में मिली भारी भरकम जीत का जश्न मातम में बदल सकता है। हालांकि राज्य के लोग अच्छी तरह जान रहे हैं कि पंचायत चुनाव में जीत कैसे हासिल की गई है। सपा इन सीटों पर सहानुभूति वोट के सहारे हैं। यही कारण है कि पार्टी ने तीनों सीटों पर जीते प्रत्याशियों के बेटों को मैदान में उतारा है। 13 फरवरी को होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार गुरुवार शाम को थम जाएगा जबकि मतगणना 16 फरवरी को होगी।

भाजपा की दलित वोटों नजर

भाजपा पश्चिम उ.प्र. की दो सीटों देवबंद और मुजफ्फरनगर पर एक बार फिर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की फिराक में है। इसके अलावा दलित वोटों पर भी उसकी नजर है। भाजपा नेता संगीत सोम और संजीव बालियान की हुई चुनावी सभाएं इसी ओर इशारा कर रही हैं। भाजपा की सभाओं में बताया जा रहा है कि कैसे बाकी राजनीतिक दलों ने दलितों को ठगा है।

कांग्रेस भी लगा रही दम

कांग्रेस को यूपी में राजनीतिक तौर पर भले ही गंभीरता से नहीं लिया जाता हो लेकिन पार्टी इस बार उपचुनाव गंभीरता से लड़ रही है। प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री समेत अन्य नेता उपचुनाव वाले इलाके में सभा कर चुके हैं। बीकापुर क्षेत्र में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री की सभा होनी है। कांग्रेस अपने परम्परागत दलित वोट को वापस पाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है।

ओवैसी भी दलित-मुस्लिम गठजोड़ में जुटे

इन तीन दलों के कोण में चैथा कोण असउद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन बना रही है। बीकापुर सीट के लिए उनकी हुई सभाओं में जुटी भीड़ को यदि किनारे कर दिया जाए तो वह मुस्लिम दलित गठजोड़ बनाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। सभाओं में उनके हमले पर सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ही रहे हैं। वह मतदाताओं को यह बताने का पूरा प्रयास कर रहे हैं कि कैसे सपा ने मुसलमानों और दलितों को ठगा है।

बसपा इस बार भी उपचुनाव के मैदान से बाहर

उपचुनाव नहीं लड़ने की अपनी नीति के तहत बसपा इस बार भी उपचुनाव से बाहर है। मायावती के शासनकाल में भी हुए उपचुनाव में बसपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। सपा, कांग्रेस और भाजपा उपचुनाव को इस लिहाज से सेमीफाइनल मान रही है कि इसमें मिले वोट अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की दशा और दिशा तय करेंगे।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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