Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

लाइफ स्टाइल

परीक्षा के मौसम में स्मार्टफोन पर मुफ्त ट्यूशन

Published

on

Loading

smartphoneappनई दिल्ली| स्कूलों में इस वर्ष की अंतिम परीक्षा और विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाएं बिल्कुल करीब आ गई हैं। इसके मद्देनजर कठिन विषय भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित की समस्याओं से जूझ रहे स्कूली बच्चे एक नए स्मार्टफोन अप्लिकेशन की मदद से देश में प्रतिभाशाली शिक्षकों से नि:शुल्क वन-टू-वन ट्यूशन ले सकते हैं। बेंगलुरू की शिक्षा प्रौद्योगिकी स्टार्टअप द्वारा विकसित एक एंड्रॉयड अप्लिकेशन ‘हैशलर्न नाउ’ स्कूली बच्चों को आईआईटी और बिट्स पिलानी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के शिक्षकों के साथ तुरंत जुड़ने और उनकी मदद से उनके विषय से संबंधित जिज्ञासाओं एवं संदेहों को दूर करने में मदद करेगा।

यह सेवा सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध होगी और इसमें आठवीं से बारहवीं कक्षा के स्कूली छात्रों के लिए गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान विशय को शामिल किया गया है। इसके तहत सभी बोर्डो और राज्य/राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं को कवर किया जा रहा है। हैशलर्न नाउ तीन चरण वाली सरल प्रक्रिया का पालन करता है। छात्र एक विषय चुनते हैं और सत्र शुरू करने के लिए जिस समस्या को हल करना चाहते हैं, उसकी इमेज को अपलोड करते हैं। कुछ ही क्षणों में वे विषय के विशेषज्ञ से जुड़ जाते हैं। समस्या हल हो जाने और सत्र खत्म हो जाने के बाद वे अपने ट्यूटर्स की रेटिंग कर सकते हैं।

इस अप्लिकेशन में छात्रों के लिए नि:शुल्क हजारों अभ्यास प्रश्न हैं, जिन्हें हल कर छात्र अपने कौशल को सुधार सकते हैं। इसके लांच होने के बाद से गूगल प्ले स्टोर पर हजारों छात्रों के द्वारा इसे डाउनलोड किया जा चुका है। इस अप्लिकेशन को 76761.87100 पर मिस्ड कॉल देकर या 56263 पर ‘गेटनाउ’ एसएमएस कर डाउनलोड किया जा सकता है। शिक्षा उद्यमी जयदेव गोपालकृष्णन और प्रौद्योगिकीविद् गोकुल जंगा द्वारा स्थापित हैशलर्न शिक्षा से संबंधित उत्पादों के निर्माण में विशेषज्ञ है और इसका मौजूदा ध्यान विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले बाजार पर है।

आगामी परीक्षा के मौसम को ध्यान में रखते हुए 31 मार्च तक साइनअप करने वाले सभी छात्रों को उनके रिवीजन में मदद करने के लिए एक माह के लिए यह सेवा नि:शुल्क प्रदान की जा रही है। लेकिन हैशलर्न सरल मासिक सब्सक्रिप्शन मॉडल के साथ, अपने प्रीमियम ऑफर को बहुत ही प्रतियोगी रखने वाला है। इसके लिए छात्रों को पारंपरिक निजी ट्यूटर रखने की तुलना में कम कीमत का भुगतान करना होगा। हैशलर्न के सीईओ जयदेव गोपालकृष्णन कहते हैं, “हमारा उद्देश्य हर छात्र के लिए उनकी परीक्षाओं की उत्कृष्ट तैयारी के लिए, बड़े पैमाने पर, उनकी जरूरत के अनुसार और कम खर्च में उच्च गुणवत्ता वाले निजी ट्यूटर उपलब्ध कराना है।”

उन्होंने कहा कि एक छात्र के लिए एक निजी ट्यूटर रखना भारत में केवल कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोग ही वहन कर पाते हैं और ऐसे मामलों में गुणवत्ता के मुद्दे एक बड़ी चिंता का विषय हैं। पारंपरिक कोचिंग कक्षाओं में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए, प्रमुख मुद्दों में व्यक्तिगतता की कमी और व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने के लिए ट्यूटर की अनुपलब्धता शामिल हैं। गोपालकृष्णन ने कहा, “हैशनर्ल नाउ एक बटन के क्लिक करने पर ही सभी समस्याओं का समाधान करता है।”

उन्होंने बताया कि हैशलर्न अपने ट्यूटर्स के चयन के लिए एक कड़ी चयन प्रक्रिया को अपनाता है, जिन्हें देश के अग्रणी प्रौद्योगिकी संस्थानों से लिया जाता है। ये तेज दिमाग वाले आईआईटी और बिट्स पिलानी जैसे संस्थानों से हैं। वे परीक्षा की आवश्यकताओं को समझते हैं और अधिक महत्वपूर्ण बात कि वे अपने विद्यार्थियों को अच्छी तरह से समझ सकते हैं, क्योंकि वे उस दौर से गुजर चुके होते हैं और उस तरह की पढ़ाई कर चुके होते हैं। वह कहते हैं कि एक और महत्वपूर्ण अंतर यह है कि छात्रों को अनेक विषयों की जानकारी रखने वाले सामान्यज्ञ से नहीं, बल्कि विषय-विशेषज्ञों से जोड़ा जाता है, ताकि वे उस विषय में सबसे बेहतर शिक्षा हासिल कर सकें।

लाइफ स्टाइल

साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान  

Published

on

By

high cholesterol symptoms

Loading

नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।

हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?

हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।

शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?

हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।

क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।

गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।

ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।

इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Continue Reading

Trending