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फैशनेबल दिखने के लिए अपनाएं बॉलीवुड हस्तियों के अंदाज

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फैशनेबल दिखने के लिए अपनाएं बॉलीवुड हस्तियों के अंदाज

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फैशनेबल दिखने के लिए अपनाएं बॉलीवुड हस्तियों के अंदाज

नई दिल्ली| फैशन में बने रहने के लिए आप कई प्रयोग करती होंगी, लेकिन नवीनतम फैशन के अनुरूप स्टाइल स्टेटमेंट बयां करने के लिए आप बॉलीवुड की फैशन आइकन्स के अंदाज से प्रेरणा ले सकती हैं। वेबसाइट ‘क्राफ्ट्सविल्ला डॉट कॉम’ की स्टाइलिस्ट अंशु चौधरी ने इस साल के लिए बॉलीवुड के स्टाइल से प्रेरित कुछ पारंपरिक फैशन चलन बताए हैं।

-कम से कम मेकअप के साथ धातु अलंकरण, सिक्विन्स और चमक-धमक पिछले साल बॉलीवुड अभिनेत्रियों के फैशन का हिस्सा रही थी। जैसे सीक्विन्स से सजी चांदी के रंग के बॉर्डर वाली सुनहरी साड़ी में करीना कपूर खान बेहद खास लग रही थीं।

-साड़ी के साथ ब्लाउज की मैचिंग अब पुराने फैशन की बात हो गई है। फैशन में बने रहने के लिए अब इसे पारंपरिक जैकेट के साथ पहनें। मिक्स-मैच करके आप अलग-अलग परिधानों को मिलाकर एक नया परिधान बना सकते हैं।

-पेस्टल शेड्स को चटख रंगों के साथ पहनें और पिंट्र्स को मिक्स मैच करें। कढ़ाईदार वेस्टकोट को सलवार कमीज या जंप सूट के साथ पहनकर आप उसे एक पांरपरिक अंदाज दे सकती हैं। जैसे कि फैशन आइकन सोनम कपूर ने पटियाला सलवार को टॉप और जैकेट के साथ पहनकर अपना खास फैशन अंदाज दर्शाया था।

-यहां तक कि किसी साधारण परिधान पर फूलों वाला पिंट्र भी स्टाइलिश लुक दे सकता है। आपके पास प्रयोग के बेशुमार विकल्प हैं। आप प्रकृति की खूबसूरती को अपने परिधान पर उकेर सकती हैं। खिलती कलियां, हरी पत्तियां या लाल, गुलाबी, नीले और संतरी रंग के चटख शेड्स के परिधान पहनें। ‘बाजीराव मस्तानी’ में दीपिका पादुकोण के खूबसूरत लुक से भी प्रेरणा ले सकती हैं।

-कंगना रनौत की तरह आप संतरी रंग भी अपना सकती हैं। कंगना एक फिल्म के दृश्य में संतरी रंग के सूट में बेहद आकर्षक दिखाई दे रही थीं, लेकिन सिर से पांव तक इसी रंग को पहनने से बचें।

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साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान  

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नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।

हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?

हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।

शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?

हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।

क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।

गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।

ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।

इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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