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प्रादेशिक

नियुक्तियां होते ही एक ही खानदान के चाचा-भतीजा, काका-काकी-मामा निकल पड़ते थे वसूली पर: सीएम योगी

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लखनऊ। पहले आतंकवादियों के मुकदमे वापस होते थे उन्हें सुरक्षा दी जाती थी। आज यही माफिया मारे-मारे फिर रहे हैं कोई आतंकी प्रदेश में घुस नहीं सकता। पहले नौकरी निकलते ही महाभारत काल दिखने लगता था। एक ही परिवार के चाचा-भतीजा, काका-काकी, मामा-मामी सभी वसूली के लिए निकल पड़ते थे। नियुक्तियों में किस तरह जातिवाद-भाई भतीजा वाद होता था। वर्ष 2015 की सपा सरकार में डिप्टी कलेक्टर का रिजल्ट निकलता है तो आपने देखा होगा कि 86 में से 56 लोगों के नाम एक ही विशेष जाति के आ जाते हैं। अखिलेश यादव की सपा सरकार पर हमलावर होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्क साफ है केवल हमारी सरकार बदली है यह प्रदेश वही है। आज बिना भेदभाव के नियुक्तियां हो रही हैं। केन्द्र की लगभग 50 योजनाओं में प्रदेश नम्बर एक पर है। आगे आने वाले समय में आपके सहयोग से इसे देश की नम्बर एक अर्थव्यवस्था बनाना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी नम्बर एक अभियान में सुझाव आपका संकल्प हमारा कार्यक्रम में आकांक्षा पेटी लांच किया। 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा प्रदेश के गांव व शहरी क्षेत्रों के तीस हजार स्थानों पर आंकाक्षा पेटी रखेगी। जिसके जनता के आए सुझावों से संकल्प पत्र तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के चुनाव में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र को जारी किया था। हमने घोषणा पत्र से हटकर संकल्प पत्र जारी किया था। संकल्प वही जिसका कोई विकल्प नहीं। घोषणाएं सभी करते हैं लेकिन अपने आप ही कालातीत हो जाती है। संकल्प वही है जिसे हम मंत्र मानते हुए अपने जीवन का हिस्सा मानते हुए उसे लागू करते हैं। संकल्प लोककल्याण का माध्यम है। संकल्प व्यक्ति के लिए नहीं राष्ट्र के कल्याण के लिए लिया जाता है। संपूर्ण लोक कल्याण के लिए जिस एक पवित्र भाव ही संकल्प है। सरकार के बनने के बाद जो संकल्प हमने जारी किया था उसे जीवन का व्रत मान करके उसे पूरा किया। अब 2022 के लिए सुझाव आपका संकल्प हमारा के साथ हम फिर आए हैं। हमने 100 दिन में अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था। फिर छह महीने, एक वर्ष और दूसरे वर्ष और तीसरे वर्ष और चौथे वर्ष और फिर साढ़े चार वर्ष में अपना रिपोर्ट जारी किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी पांच वर्ष की सरकार में एक करोड़ 71 लाख नौजवानों को रोजगार मिला है। प्रदेश में बड़े निवेश के कारण ढेर सारे रोजगार के रास्ते खुल चुके हैं। जहां विकास का कोई काम नहीं होता था वही प्रदेश सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे बना रहा है। मेडिकल कालेज बना रहा है। वाटर जलमार्ग तैयार कर रहा है। एयरपोर्ट बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश वही है संसाधन वही हैं। केवल सरकार बदली है और लोगों की सोच बदल गई। हमने पुलिस, शिक्षक सभी तरह की नियुक्ति की लेकिन कोई विवाद नहीं हुआ। जब सोच ईमानदार होती है तो काम भी दमदार होता है।

उन्होंने कहा कि फर्क साफ है। पहले की सरकारें किसानों पर गोली चलाती थीं। हमने पिछली सरकारों की गलत नीतियों के कारण कर्ज के बोझ से दबे किसानों के लिए फसल ऋण माफी की घोषणा की थी। फर्क साफ है पिछली सरकारों के समय में कैसे आस्था के प्रतीकों का अपमान होता था। गो हत्याएं होती थी गोकशी होती थी, दंगे होते थे। हमारी सरकार आई गो कत्लखाने बंद किए गो तस्करी रोकी। गोवंश का संरक्षण किया लगभग सात लाख गायों का संरक्षण किया।

उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का दस वर्ष पुराना दाम मिलों के पास बकाया था। हमने प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को मिल सके रिकार्ड मात्रा में क्रय केन्दरों की स्थापना किया। दस वर्ष पुराना गन्ना किसानों का एक लाख 84 हजार रुपये का भुगतान कर चुकी है। बंद चीनी मिलों को चालू कराने काम किया गया। कोरोना काल में जहां देश और दुनिया में मिले बंद थी यूपी में 121 मिलों को ञचलाने का काम किया। पिछली सरकारें चीनी मिलों को बेच रही थी हमने ऐसा नहीं होने दिया।

उन्होंने अखिलेश की सपा सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि कानून व्यवस्था पर पिछली सरकारों का रिकार्ड किसी से छुपा नहीं है। पहले मां-बाप को चिंता थी कि बेटी को स्कूल कैसे भेजेंगे। किसानों को चिंता थी कि उनका पशुधन सुरक्षित कैसे रह पाएगा। वर्ष 2017 के बाद बेटी सुरक्षित हुई है। दंगों से मुक्ति मिली है। प्रदेश में धूमधड़ाके के साथ कांवड़ यात्रा निकल रही है। राममंदिर बन रहा है। हर पर्व और त्योहार सौहार्दपूर्ण तरीक से मनाया जा रहा है। कोरोना काल में भी किसी आस्था पर कोई रोक नहीं लगाई गई। प्रधानमंत्री ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम तैयार होकर राष्ट्र को समर्पित हो गया।

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उत्तर प्रदेश

कासगंज में चंदन गुप्ता हत्याकांड के सभी 28 दोषियों को NIA की स्पेशल कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

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लखनऊ। यूपी के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुए दंगे में मारे गए चंदन गुप्ता हत्याकांड के सभी 28 दोषियों को NIA स्पेशल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी दोषियों को गुरुवार को दोषी करार दिया था और शुक्रवार को सजा का ऐलान किया। कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी।

जिन दोषियों को उम्रकैद का सजा सुनाई गई है उनमें वसीम जावेद उर्फ वसीम, नसीम जावेद,मोहम्मद जाहिद कुरैशी उर्फ जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शवाब अली खान, राहत ,सलमान ,मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बबलू, निशु उर्फ जीशान, वासिफ, इमरान, शमशाद ,जफर, साकिर ,खालिद परवेज ,फैजान ,इमरान ,साकिर, मोहम्मद आमिर रफी, कासगंज जेल में बंद मुनाजिर और कोर्ट में सरेंडर हुए सलीम शामिल हैं।

चंदन की हत्या के बाद हुए थे कई दिन दंगे

विश्व हिंदू परिषद और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता करीब 100 मोटर साइकिलों पर तिरंगा और भगवा झंडा लेकर निकले थे। इस तिरंगा यात्रा में ABVP कार्यकर्ता चंदन गुप्ता भी शामिल था। यात्रा के दौरान कुछ मुस्लिम युवकों ने झड़प हो गई थी। इसके बाद दंगा भड़क गया था। इसमें चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी उसकी मौत के बाद कासगंज में हालात कई दिनों तक खराब हो थे। कासगंज में करीब एक हफ्ते तक दंगे हुए थे।

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