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मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन बोले-बाबर ने बनवाया था मंदिर

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नई दिल्ली। अयोध्या जमीन विवाद मामले की सुनावाई के 28वें दिन मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने अदालत में बाबरनामा का हवाला दिया।

राजीव ने कहा कि वहां मंदिर ही बाबर ने बनाया था। उन्होंने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि हिन्दू पक्षकार तो गजेटियर का हवाला अपनी सुविधा के मुताबिक दे रहे हैं, लेकिन गजेटियर कई अलग अलग समय पर अलग नजरिये से जारी हुए थे। लिहाजा सीधे तौर पर ये नहीं कहा जा सकता कि बाबर ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई।

राजीव धवन ने कहा कि जस्टिस अग्रवाल के इस विचार से भी इत्तेफाक नहीं रखता, जो कहीं रिपोर्ट को मान रहे हैं और कहीं नहीं। इस पर जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि कई पुरानी मस्जिदों में संस्कृत में भी कुछ लिखा हुआ मिला है। वो कैसे?

जज के सवाल का जवाब देते हुए राजीव धवन ने कहा कि क्योंकि बनाने वाले मजदूर कारीगर हिंदू होते थे तो वे अपने तरीके से इमारत बनाते थे।

बनाने का काम शुरू करने से पहले वो विश्वकर्मा और अन्य तरह की पूजा भी करते थे और काम पूरा होने के बाद यादगार के तौर पर कुछ लेख भी अंकित करते थे।

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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