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उत्तर प्रदेश

पीएम के आगमन से पहले सीएम योगी पहुंचे आजमगढ़, तैयारियों का लिया जायजा

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आजमगढ़। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित दौरे से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार दोपहर बाद आजमगढ़ पहुंचे। उनका हेलीकाप्टर दोपहर साढ़े तीन बजे मंदुरी स्थित हेलीपैड पर उतरा। इस दौरान सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ और पार्टी के पदाधिकारियों ने सीएम का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इसके बाद मंदुरी एयरपोर्ट पर होने वाले पीएम के संभावित जनसभा स्थल का निरीक्षण किया।

तैयारियों को निर्धारित समय में पूरा करें

निरीक्षण के उपरान्त मुख्यमंत्री ने बैठक कर उच्चाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल को सुव्यवस्थित तरीके से निर्धारित समय में पूर्ण कर लिया जाए। उन्होने कहा कि मंदुरी एयरपोर्ट पर स्थायी डिजिटल बोर्ड लगाकर एक जनपद एक उत्पाद के अन्तर्गत आने वाले उत्पाद मुबाकरपुर की साड़ी एवं ब्लैक पाटरी तथा स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण स्थानों को प्रदर्शित कराया जाए। इसी के साथ ही प्रस्तावित कार्यक्रम में जनपद में 10 करोड़ की परियोजनाएं जो पूर्ण हो गयी है, जिसका लोकार्पण किया जाना है उसकी तैयारी पहले से ही करा ली जाए।

पूरे आजमगढ़ जनपद में युद्धस्तर पर चले सफाई अभियान

उन्होंने कहा कि पूरे आजमगढ़ शहर एवं प्रमुख स्थलों की अभियान चलाकर युद्धस्तर पर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि पूरे शहर क्षेत्र में वृक्षारोपण कर हरा भरा बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आमजन को ध्यान में रखते हुए आने जाने के लिए रूट का डायवर्जन सुनिश्चित करा लिया जाय। प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल से अधिक दूरी पर वाहनों के लिए पार्किंग स्थल न बनाया जाए। उन्होंने कहा कि पार्किंग स्थल पर्याप्त एरिया में बनाई जाए, जिससे कि वाहनों को आने-जाने में किसी प्रकार की समस्या ना हो तथा जाम जैसी परेशानी का सामना आम जनता को न करना पड़े। उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम को देखते हुए वॉटरप्रूफ जर्मन हैंगर टेंट लगाया जाए।

जनसभा में आने वाली जनता की सुविधाओं का रखा जाए ख्याल

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल पर ही जनता को लंच पैकेट एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि पानी के लिए बोतल की जगह पानी के बड़े-बड़े जार रखवाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारी संख्या में आने वाली आज-जनता के लिए महिला एवं पुरुष के लिए शौचालय एवं मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था करा ली जाय। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से लगातार पेट्रोलिंग पुलिस विभाग के अधिकारी करते रहें। आम जनता के लिए कार्यक्रम स्थल पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम को भी सक्रिय किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से जरूरी दिशा निर्देश जनता को देते रहे। उन्होंने कहा कि शहर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। सड़कों एवं खुले पार्क में एवं प्लाटों में कूड़ा कचरा साफ-सफाई करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की बोतल किसी भी कीमत पर सड़क पर दिखाई ना दें। अभियान चलाकर पूरे शहर की सफाई कराई जाए तथा जगह-जगह पर हरे पौधे लगाकर शहर को सजाया जाए।

बैठक के दौरान सांसद आजमगढ़ दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’, आईजी वाराणसी जोन, जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज, पुलिस अधीक्षक आजमगढ़, मऊ, एयरपोर्ट अथारिटी अधिकारी, पीडब्लूडी, परिवहन विभाग के अधिकारीगण सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। निरीक्षण के उपरांत मुख्यमंत्री ने नगर पालिका आजमगढ़ के पूर्व अध्यक्ष एवं जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कन्हैया सिंह के आवास पर पहुंच कर श्रद्धांजलि एवं शोक संवेदना व्यक्त किया।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को झटका, हाईकोर्ट ने ठुकराई FIR रद्द करने वाली याचिका की खारिज

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संभल। यूपी के संभल हिंसा मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को हाई कोर्ट से झटका लगा है। शुक्रवार को अदालत ने बर्क की एफआईआर रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। हालांकि, हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि फिलहाल बर्क की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।

कोर्ट ने कहा है कि जिन धाराओं में सांसद बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें 7 साल से कम की सजा होती है। इस मामले में पुलिस सांसद बर्क को नोटिस जारी करेगी. नोटिस जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है। सांसद बर्क को पुलिस की जांच में सहयोग करना होगा।

बता दें कि संभल के समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ संभल थाने में उकसाने के आरोप में पुलसि ने एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर 24 नंवबर को हुई हिंसा के लिए लोगों को उकसाने के मामले में सांसद के खिलाफ नामजद की गई थी। संभल में 24 नवंबर को हिंसा भड़की थी।

कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद में पहली बार सर्वे किया गया था। इसके फिर एक बार फिर जब सुबह करीब 7 बजे कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर और उनकी टीम के छह सदस्य दूसरे फेज के सर्वे के लिए मस्जिद में गए तो हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इतना ही नहीं कुछ पुलिसवालों को भी चोटें आईं थीं।

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