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उत्तर प्रदेश

रामलला के आगमन से पूर्व CM योगी ने अयोध्या से प्रारंभ किया स्वच्छ तीर्थ महाभियान, लगाया झाड़ू

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CM Yogi started Swachh Teerth Maha Abhiyan from Ayodhya

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500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त कर हो रहा है प्रभु का आगमन, हर रामभक्त करेगा भव्य अभिनन्दन: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने लगाया झाड़ू, नगर निगम के सफाई वाहनों को दिखाई हरी झंडी

प्रदेशवासियों से मुख्यमंत्री का आह्वान, सिंगल यूज प्लास्टिक को कहें न

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को रामनगरी अयोध्या के लता मंगेशकर चौक पर झाड़ू लगाकर स्वच्छ तीर्थ महाभियान का शुभारंभ किया। अयोध्या को स्वच्छतम नगरी बनाने और यहां के सभी धार्मिक, पर्यटन, तीर्थ स्थलों, सार्वजनिक स्थलों पर सफाई का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से रामलला के आगमन के अवसर पर साफ-सुथरा-स्वच्छ बनाने का आह्वान किया।

  • विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर नगर निगम के स्वच्छता वाहनों को रवाना भी किया।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त कर प्रभु का आगमन हो रहा है। हर रामभक्त अपने आराध्य का अभिनन्दन करने को उत्सुक है। उन्होंने कहा कि पूरे सप्ताह तक हर गांव-नगर, धार्मिक, पर्यटन, तीर्थ स्थलों, सार्वजनिक स्थलों पर सफाई का अभियान चलाया जाए।
  • मुख्यमंत्री ने कहा इस अभियान से शिक्षकों, विद्यार्थियों, मंगल दलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को जोड़कर अयोध्या समेत पूरे प्रदेश को स्वच्छ रखा जाए।
  • मुख्यमंत्री ने कहा हर देव मन्दिर, चिकित्सालय, विद्यालय, सड़क, गली, सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई हो। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग न करने के लिए जनजागरुकता बढाएं।
  • मुख्यमंत्री के नेतृत्व में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, सांसद लल्लू सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव आदि ने भी स्वच्छता अभियान में सहभागिता की।

उत्तर प्रदेश

अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा

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महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।

नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र

स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।

“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र

अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।

जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत

पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।

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