Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

पसमांदा मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने की भाजपा ने की तैयारी, ये है पूरा प्लान

Published

on

Loading

नई दिल्ली। केंद्र व देश के कई राज्यों में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी अब अपने समर्थकों के दायरे में पसमांदा मुसलमानों को जोड़ना चाहती है। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे ने मुस्लिमों में सबसे पिछड़े पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचने की पूरी तैयारी कर ली है।

बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से हरियाणा में 25 जुलाई से ट्रेनिंग कैंप आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभन्न राज्यों में पसमांदा मुसलमानों तक पहुंच को लेकर योजना बनाई जाएगी। करीब 180 पदाधिकारी और मोर्चा के सीनियर मेंबर इस इवेंट में हिस्सा लेंगे, जहां नेशनल ऑर्गनाइजेशन सेक्रेटी बीएल संतोष भी मौजूद होंगे।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को हिंदुओं के अलावा अन्य समुदायों के कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया था, जिसमें विशेष तौर से पसमांदा मुसलमानों का जिक्र किया गया।

ट्रेनिंग कैंप में इन मामलों की दी जाएगी जानकारी

ट्रेनिंग कैंप में अलग-अलग माड्यूल्स की जानकारी दी जाएगी। इसमें भाजपा का इतिहास और विचारधारा, राष्ट्रवाद पर लेखन, पार्टी का डेवलपमेंट फोकस, भारत में अल्पसंख्यकों का इतिहास,

रोल मॉडल, अल्पसंख्यकों के सामने मौजूदा चुनौतियां, मामलों को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल और इन समुदायों में महिलाओं का सशक्तिकरण जैसे मुद्दे शामिल हैं।

राज्यों में आंतरिक संगठनात्मक समुदायों का गठन होगा। खास तौर से वहां पर जहां भाजपा सत्ता में है। इसके जरिए इस समुदाय की समस्याओं को जानने का प्रयास किया जाएगा और हल निकाला जाएगा।

साथ ही सराकारी कमेटियों में पसमांदा मुसलमानों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर जोर रहेगा। एक भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि यह प्रयास होगा कि ज्यादा पसमांदा लोगों को पार्टी से जोड़ा जाए और अपनी पहुंच बढ़ाई जाए।

अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख जमाल सिद्दीकी का बयान

भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने कहा कि पसमांदा समुदाय तक पहुंच के लिए पार्टी की गतिविधियां मोटे तौर पर दो पहलुओं पर आधारित हैं- यह सुनिश्चित करना कि उन्हें मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले और जिलों की पार्टी इकाई में उनको प्रतिनिधित्व मिले। सिद्दीकी खुद एक पसमांदा मुस्लिम हैं।

सिद्दीकी ने कहा हमारी पार्टी के कार्यकर्ता खासकर अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य, इसके लिए देशभर के पसमांदा मुसलमानों से संपर्क करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा के अधिकांश पदाधिकारी पसमांदा समुदाय के विभिन्न वर्गों से हैं।

पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि भाजपा वर्ष 1965 के युद्ध नायक और परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद (इदरीसी जाति के) जैसे समुदाय के राष्ट्रीय नायकों की जय-जयकार करने और उनकी जयंती पर समारोह आयोजित करने की योजना बना रही है।

मुस्लिम आबादी का 70 प्रतिशत से अधिक हैं पसमांदा

पसमांदा कुल मुस्लिम आबादी का 70 प्रतिशत से अधिक हैं और भाजपा का लक्ष्य विभिन्न राज्यों के चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के दौरान उन तक पहुंचना है।

विभिन्न दलों में मुस्लिम नेता अशराफ में से आते हैं, जिनमें सैयद, मुगल और पठान (हिंदुओं में उच्च जातियों के समान) शामिल हैं। पसमांदा में मलिक (तेली), मोमिन अंसार (बुनकर), कुरैशी (कसाई), मंसूरी (रजाई और गद्दे बनाने वाले), इदरीसी (दर्जी), सैफी (लोहार), सलमानी (नाई) और हवारी (धोबी) शामिल हैं।

Continue Reading

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending