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प्रादेशिक

असमानता बढ़ाने वाला गरीब विरोधी, घुटनाटेकू बजटः शिवपाल यादव

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असमानता बढ़ाने वाला गरीब विरोधी, घुटनाटेकू बजट, सपा प्रमुख प्रवक्ता शिवपाल सिंह यादव

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M03

लखनऊ। आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सपा प्रमुख प्रवक्ता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट असमानता बढ़ाने वाला गरीब विरोधी घुटनाटेकू बजट है। कपड़े और छोटी कारों की कीमतों में की गई वृद्धि से स्पष्ट होता है कि केन्द्र सरकार निम्न और मध्यम आय वर्ग की हितैषी नहीं है। छोटे उद्यमियों पर 29 फीसदी कर बढ़ाने से लघु और मध्यम उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का आवांछनीय दखल बढ़ेगा। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 100 फीसदी एफ.डी.आई. देना देश की अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकाल में घातक होगा क्योंकि इस तरह के प्रयोग भारत में हमेशा गरीब विरोधी और बेरोजगारी बढ़ाने वाले साबित हुए हैं। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री व समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया ने ‘इकोनामिक आफटर मार्क्‍स’  में लिखा है कि देश की अर्थव्यवस्था का समावेशी विकास सिर्फ देशी पूंजी और देशी तकनीक से ही सम्भव है, विदेशी पूंजी पर आधारित विकास एकांगी और आर्थिक विषमता को बढ़ाने वाला होता है। इस बजट से अमीर और अमीर, गरीब और गरीब होगा।

आम बजट 2016-17

शिवपाल ने केन्द्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि काले धन वालों को एक और मौका देकर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह काले धन की वापसी को लेकर गंभीर नहीं है। इस बजट में उत्तर प्रदेश की घोर उपेक्षा की गई है। सिंचाई मंत्री ने कहा कि जहाँ संप्रग सरकार सिंचाई के लिए पन्द्रह हजार करोड़ रुपये देती थी, वहीं वर्तमान सरकार ने मात्र एक हजार करोड़ रुपए दिया है। वित्त मंत्री किसानों की प्रति व्यक्ति आय पांच साल में दोगुनी करने की बात कह रहे हैं, लेकिन आय बढ़ाने का कोई ठोस प्रावधान इस बजट में नहीं है। उन्होंने अखिलेश सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमने अपने बेहतर नीतियों की बदौलत गत चार सालों में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी और किसानों की औसत आमदनी ढाई गुनी की है। यह बजट अब तक का सबसे खराब बजट है। यह बजट झूठ और धोखे का पुलिंदा है। समाजवादी चिंतक, सपा सहप्रवक्ता व इण्टरनेशनल सोशलिस्ट काउंसिल के सचिव दीपक मिश्र ने कहा कि इस बजट से भारत अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक मानचित्र में और पिछड़ जाएगा। देश के ऊपर 568.8 बिलियन डालर का कर्ज है और पूरे बजट का 23 फीसदी से अधिक अंश केवल ब्याज अदा करने में चुकाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में अरूण जेटली जी को ऐसा बजट बनाना चाहिए था जिससे विदेशी कर्ज का दबाव कम होता और भारत की साख बढ़ती। यह बजट सैद्धांतिक रूप से भटका हुआ और व्यवहारिक रूप से भटकाने वाला है।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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