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उत्तराखंड

Trekker’s के लिए खुशखबरी : गौमुख तक जाने वाले ट्रेकरों को नहीं सताएगा कठिन रास्तों का दर्द

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उत्‍तराखंड में चारधाम यात्रा का जायजा लेने के लिए उत्‍तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और जिलाधिकारी, उत्तरकाशी डॉ.आशीष चैहान ने गौमुख ट्रैक का पैदल निरीक्षण किया है। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों से क्षेत्र में पर्यटक एवं ट्रेकरों के चहलकदमी की जानकारी भी ली।

मुख्य सचिव ने गौमुख पैदल मार्ग को ठीक करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए। साथ ही भोजवासा से तपोवन जाने वाले ट्रेकरों एवं धार्मिक पर्यटकों के लिए भोजवासा में ट्राली लगाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने यात्रा रूट पर व्यवस्था का जायजा लेते हुए गंगोत्री धाम में पूजा भी की और साथ ही गंगा मैया की आरती में भी शामिल हुए।

धार्मिक पर्यटकों के लिए भोजवासा में ट्राली लगाने के दिए निर्देश।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने डॉ.आशीष चैहान के साथ चारधाम यात्रा में मुहैया सुविधा को लेकर बैठक ली। इसके बाद दोनो ही गौमुख ट्रैक रूट के पैदल निरीक्षण को रवाना हुए और रात्रि विश्राम भोजवासा में किया।

मुख्य सचिव सोमवार को सुबह आठ बजे रूट के निरीक्षण करते हुए गौमुख से तपोवन पहुंचे, जहां उन्होंने प्राकृतिक सौन्दर्य के धरोहर तपोवन में धार्मिक पर्यटकों एवं ट्रेकरों की आवाजाही के लिए वन विभाग के अधिकारी से जानकारी ली।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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