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उत्तराखंड

उत्तराखंड में किसान आउटलेट से 5,000 ग्रामीण परिवार कर रहे अच्छी कमाई

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उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में रहने वाले किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक अच्छा प्रयास शुरू किया है। उत्तरकाशी में जिला उद्योग केन्द्र परिसर उत्तरकाशी बाजार में संचालित किसान आउटलेट में किसानों के उत्पादों को अच्छे रेट पर बेचा जा रहा है।

शनिवार को इस आउटलेट का निरीक्षण उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने किया। किसान आउटलेट को देख कर उन्होंने उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चैहान को इस पहल की शुरूआत करने के लिए बधाई भी दी।

उत्तराखंड में मौजूदा समय में इस मिल्क पार्लर में करीब 5,000 ग्रामीण परिवारों से दूध व दूसरे उत्पादों को इकट्ठा किया जा रहा है। जिससे इस योजना से उन परिवारों की आय बढ़ाई जा सके।

 मुख्य सचिव ने स्थानीय उत्पाद सामाग्री का निरीक्षण कर उत्पादों की बिक्री की जानकारी ली। किसान आउटलेट में उन्होंने किसान मिल्क पार्लर का भी निरीक्षण किया। इस पार्लर में स्थानीय स्तर से संकलित दूध से बनाए गए कई तरह की खाद्य सामग्री और फ्लेवर्ड मिल्क पेय के बारे में जानकारी ली।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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