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पंजाब

सीएम भगवंत मान ने श्री फतेहगढ़ साहिब के सालाना शहीदी जोड़ मेल में परिवार समेत मत्था टेका

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पंजाब। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सरबंसदानी, दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह के छोटे साहिबज़ादे बाबा ज़ोरावर सिंह जी, बाबा फ़तेह सिंह और माता गुजर कौर की शहादत की याद में श्री फतेहगढ़ साहिब के सालाना शहीदी जोड़ मेल में परिवार समेत मत्था टेका।

मान ने अपने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा- सरबंसदानी, दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबज़ादे बाबा ज़ोरावर सिंह जी, बाबा फ़तेह सिंह जी और माता गुजर कौर जी की शहादत की याद में श्री फतेहगढ़ साहिब के सालाना शहीदी जोड़ मेल में परिवार सहित नतमस्तक होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

उन्होंने लिखा- गुरु चरणों में माथा टेका, बड़ी संख्या में पहुंची संगत के दर्शन किए। छोटे साहिबज़ादों की कौम के प्रति शहादत की मिसाल दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं मिलती। लासानी शहादत के लिए उनका नाम हमेशा अमर रहेगा।

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पंजाब

राज्य के पास किसी भी प्रदेश को देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है – सीएम भगवंत मान

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा कि राज्य के पास किसी भी प्रदेश को देने के लिए एक बूंद भी पानी नहीं है। मान ने पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच नदी जल विवादों के निपटारे के लिए गठित ‘रावी ब्यास जल अधिकरण’ के समक्ष यह बात कही। अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विनीत सरन, सदस्यों न्यायमूर्ति पी. नवीन राव और न्यायमूर्ति सुमन श्याम तथा रजिस्ट्रार रीता चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है और किसी के साथ पानी की एक बूंद भी साझा करने का सवाल ही नहीं उठता।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मान ने कहा कि पंजाब के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार पानी की उपलब्धता का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। उन्होंने अधिकरण के सदस्यों से राज्य के लोगों को न्याय दिलाने का भी आग्रह किया। अधिकरण के सदस्य रावी जल प्रणाली के दौरे के लिए पंजाब में हैं। मान ने बताया कि पंजाब के 76.5 प्रतिशत ब्लॉक (153 में से 117) अत्यधिक दोहन वाले हैं, जहां भूजल निकासी का स्तर 100 प्रतिशत से अधिक है,

जबकि हरियाणा में केवल 61.5 प्रतिशत ब्लॉक (143 में से 88) अत्यधिक दोहन वाले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि राज्य में अधिकतर नदी जल संसाधन सूख चुके हैं, इसलिए उसे अपनी सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है। मान ने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि पंजाब के पास बहुत कम पानी है, जिसे वह सिर्फ अपने खाद्य उत्पादकों को दे पा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी अन्य राज्य के साथ पानी की एक बूंद भी साझा करने का सवाल ही नहीं उठता।

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