उत्तर प्रदेश
आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर सीएम सख्त
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर सख्त रूख अख्तियार किया है। पिछले कई दिनों से सीएम योगी आदित्यनाथ को शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही और हीलाहवाली की शिकायतें मिल रहीं थीं। इस पर उन्होंने ऐसे जिलों के डीएम और एसएसपी, एसपी की रिपोर्ट तलब की है। माना जा रहा है कि लापरवाह डीएम और एसएसपी, एसपी की रिपोर्ट मिलते ही बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
देवरिया, भदोही और गोंडा के शिकायतकर्ताओं ने फीड बैक में जताया असंतोष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले एक उच्च स्तरीय बैठक में आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही उन्होंने लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिये थे। इसी क्रम में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हाल ही में आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पाया कि 1 सितंबर से 25 सितंबर के बीच प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में प्रदेश के कई जिलों का प्रदर्शन ठीक नहीं है। इसमें शिकायतों के निस्तारण के बाद सीएम हेल्पलाइन एवं सीएम डैशबोर्ड से लिये गये फीड बैक में शिकायतकर्ताओं ने असंतोष जताया है। इनमें देवरिया, भदोही, गोंडा, ललितपुर, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, आजमगढ़ और मीरजापुर के जिले शामिल हैं। इन जिलों के शिकायतकर्ताओं ने अपनी शिकायत के निस्तारण के फीडबैक पर 70 प्रतिशत तक असंतोष जाहिर किया है। इस पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इन जिलों के डीएम और एसएसपी, एसपी को फटकार लगाते हुए इसमें सुधार करने के निर्देश दिये हैं। वहीं मुख्य सचिव समीक्षा बैठक की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपने वाले हैं। जानकारों की मानें तो रिपोर्ट के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकते हैं।
अगस्त और सितंबर में औरैया, लखीमपुर, मेरठ का शिकायतों के निस्तारण में रहा अच्छा प्रदर्शन
मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में पाया कि प्रदेश के कुछ जिलों का अगस्त, सितंबर माह में आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निस्तारण करने में अच्छा प्रदर्शन रहा है। इन्होंने समयबद्ध तरीके से शिकायतों को निस्तारित कर स्पेशल क्लोज रिपोर्ट समिट की है। इसमें अगस्त माह में औरैया, लखीमपुर खीरी और लखनऊ शामिल हैं। इसी तरह सितंबर माह में औरैया, लखीमपुर खीरी, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर के जिले शामिल हैं। इस पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इन जिलों के डीएम और एसएसपी, एसपी की प्रशंसा करते हुए अन्य जिलों के अधिकारियों को इसी आधार पर काम करने के निर्देश दिये।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ के पहले संगम क्षेत्र में सज रही हैं पूजन सामग्री की दुकानें
महाकुम्भनगर। ज्योतिषाचार्यों की गणना के अनुसार ग्रह नक्षत्रों के विशिष्ट संयोग से इस वर्ष प्रयागराज में 144 वर्ष बाद पड़ने वाले महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। महाकुम्भ 2025, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान से शुरू हो कर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ पूरा होगा। मेले के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। महाकुम्भ का इंतजार न केवल साधु-संन्यासी, कल्पवासी, श्रद्धालु बल्कि प्रयागराजवासी भी बेसब्री से कर रहे हैं। महाकुम्भ में संगम, मेला क्षेत्र और प्रयागराज के दुकानदार पूजा सामग्री, पत्रा-पंचाग, धार्मिक पुस्तकें, रुद्राक्ष और तुलसी की मालाओं को नेपाल, बनारस, मथुरा-वृदांवन से मंगा रहे हैं। महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालु लौटते समय अपने साथ संगम क्षेत्र से धार्मिक पुस्तकें, पूजन सामग्री, रोली-चंदन और मालाएं जरूर ले जाते हैं।
नेपाल, उत्तराखण्ड, बनारस, मथुरा-वृंदावन से आ रही रुद्राक्ष और तुलसी की मालाएं
महाकुम्भ, सनातन आस्था का महापर्व है। इस अवसर पर सनातन धर्म में आस्था रखने वाले देश के कोने-कोने से प्रयागराज आते हैं और त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य के भागी बनते हैं। इस वर्ष महाकुम्भ के अवसर पर 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज में आने का अनुमान है। श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने, उनके स्नान और रहने की व्यवस्थाओं का प्रबंध सीएम योगी के दिशानिर्देश पर मेला प्राधिकरण पूरे जोश और उत्साह के साथ कर रहा है। साथ ही प्रयागराजवासी और यहां के दुकानदार,व्यापारी भी महाकुम्भ को लेकर उत्साहित हैं। महाकुम्भ उनके लिए पुण्य और सौभाग्य के साथ व्यापार और रोजगार के अवसर भी लेकर आया है। पूरे शहर में होटल, रेस्टोरेंट, खाने-पीने की दुकानों के साथ पूजा सामग्री, धार्मिक पुस्तकों, माला-फूल की दुकानें भी सजने लगी हैं। थोक व्यापारियों का कहना है कि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के अनुमान के मुताबिक दूसरे शहरों से समान मंगाया जा रहा है। रुद्राक्ष की मालाएं उत्तराखण्ड और नेपाल से तो तुलसी की मालाएं मथुरा-वृंदावन से, रोली, चंदन और अन्य पूजन सामग्री बनारस और दिल्ली के पहाड़गंज से मंगाई जा रही हैं।
गीता प्रेस में छपी धार्मिक पुस्तकों की सबसे ज्यादा मांग
प्रयागराज के दारागंज में धार्मिक पुस्तकों के विक्रेता संजीव तिवारी का कहना है कि सबसे ज्यादा गीता प्रेस, गोरखपुर से छपी धार्मिक पुस्तकों की मांग होती है। अधिकांश श्रद्धालु राम चरित मानस, भागवत् गीता, शिव पुराण और भजन व आरती संग्रह की मांग करते हैं। इसके अलावा पूजा-पाठ का काम करने वाले पुजारी वाराणसी से छपे हुए पत्रा और पंचाग भी खरीद कर ले जाते हैं। इसके अलावा मुरादाबाद और बनारस में बनी पीतल और तांबें की घंटियां, दीपक, मूर्तियां भी मंगाई जा रही है। मेले में कल्पवास करने वाले श्रद्धालु और साधु-संन्यासी पूजा-पाठ के लिए हवन सामग्री, आसन, गंगाजली, दोनें-पत्तल, कलश आदि की मांग करते हैं। जिसे भी बड़ी मात्रा में दुकानदार अपनी दुकानों में मंगा कर स्टोर कर रहे हैं।
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