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अन्तर्राष्ट्रीय

“मेरे लिए क्रिकेट ‘धर्म’ है, लेकिन भगवान ‘सचिन’ नहीं ‘डिविलियर्स’ है, पढ़िए और देखिए एक ‘बिहारी’ का ‘एन्टी नेशनलिस्ट’ क्रिकेट प्रेम

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मेरे लिए इस साल की जो सबसे दुःखद ख़बर है, वो अब क्रिकेट के मैदान पर डिविलियर्स का ना होना है। मैं क्रिकेट का वैसा ही प्रेमी हूं, जैसे चंदा चकोर का, लैला मजनू का, जैसे रहीम राम के और मीरा श्री कृष्ण की। लेकिन क्रिकेट को धर्म मानने वाले मेरे जैसे लोगों के लिए साल “2004” खुशियों की बारिश लेकर आया। क्योंकि इस साल क्रिकेट के मैदान पर डिविलियर्स नामक एक अवतार हुआ।

इस खिलाड़ी ने शुरुआत में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेलना शुरू किया। लेकिन धीरे-धीरे ये इंसान गेंदबाजो के लिए एक ऐसी बीमारी बन गया, जिससे वो कभी निजात नही पा सके। जब ये बल्लेबाज अपना बल्ला लेकर मैदान पर आता, तो गेंदबाज समझ नही पाते, आखिर बॉल फेकें तो कहां फेकें? यॉर्कर हो या बाउंसर सारी गेंदे आसमान को चूमती हुई मैदान के बाहर जाती। अपनी टीम के लिए 114 टेस्ट, 228 एकदिवसीय , और 78 टी-ट्वेंटी खेलने वाले इस खिलाड़ी के पास ऐसे शॉट्स थे, जिसे क्रिकेट को बनाने वालों ने भी अपने सपने में नही सोचा होगा। इस खिलाड़ी के शॉट्स और इसकी बैटिंग देख मुझे आमिर खान की फ़िल्म का एक डायलॉग याद आता है, जिसमे वो कहते हैं,”आप पुरुष नही महापुरूष” हो। ऐसे महापुरुष सदियों में कभी एक बार होते हैं। टेस्ट और एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचो में तो इस बल्लेबाज का औसत 50 से ऊपर है।

18 जनवरी 2015, एबी डी विलियर्स ने एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज़ शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए थे। डीविलियर्स ने न्यूजीलैंड के कोरी एण्डरसन के कीर्तिमान को ध्वस्त किया था। वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट टीम के खिलाफ़ अपना शतक मात्र 31 गेंद में पूरा किया एवं आउट होने से पूर्व 44 गेंद में 149 रन का विश्व कीर्तिमान बनाया।

अगर सचिन के जैसे इस बल्लेबाज की भी क्रिकेट में शुरुवात 16 साल के उम्र में हो जाती तो शायद सचिन के जगह आज क्रिकेट को धर्म मानने वाले लोग, सचिन को नही, डिविलियर्स को अपना भगवान मानते।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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