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प्रादेशिक

लोकसभा सीट बंटवारे पर बिहार महागठबंधन में 6 दलों के बीच डील फाइनल, RJD विधायक का दावा

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Nitish-Tejashwi

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पटना। लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) विधायक भाई वीरेंद्र ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन के छह दलों में सीटों का बंटवारा हो चुका है। इसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी। मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि जिस पार्टी की जितनी ताकत है, उसके आधार पर सीटों का बंटवारा किया गया है। किसे कितनी सीट दी गई, इस संबंध में उन्होंने हालांकि कुछ भी स्पष्ट नहीं किया।

गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन के दलों के बीच सीटों के बंटवारे का मामला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। जदयू ने साफ कह दिया है कि वह अपनी जीती हुई 16 सीटें नहीं छोड़ेगा। बची हुई 24 सीटों का बंटवारा राजद अपने सहयोगी दलों-वाम और कांग्रेस के बीच कर लें।

वाम दलों ने आठ सीटों की मांग की

वाम दलों ने आठ सीटों की मांग कर दी है तो कांग्रेस 10 सीटों की सूची लेकर खड़ी है। इस बीच जदयू के दिग्गज नेता अशोक चौधरी ने भी सीटों को लेकर अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर दिया है। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन में जदयू के 17 सीटों के दावों का आधार भी है। पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी, कुल मिलाकर 17 सीटों पर हमलोग लड़े थे।

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आरा और बेगूसराय में वाम दलों को दूसरा स्थान मिला था। अन्य सीटों पर वाम उम्मीदवार तीसरे-चौथे नंबर पर थे। भाकपा ने बेगूसराय, मधुबनी और बांका सीटों की मांग की है। बांका अभी जदयू के पास है। पिछले चुनाव में भाकपा यहां से चुनाव नहीं लड़ी थी। बेगूसराय भाकपा की परंपरागत सीट मानी जाती है। 2019 में भाकपा के चर्चित उम्मीदवार कन्हैया कुमार दूसरे स्थान पर रहे थे।

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उत्तर प्रदेश

अनूठी पहल- किसानों को पराली के बदले गोवंश खाद दे रही योगी सरकार

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लखनऊ,:योगी सरकार पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में बेतहाशा कमी आयी है। योगी सरकार ने किसानों के हित में अनूठी पहल शुरू की है, जिसमें पराली जलाने की घटनाओं को रोकने और किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना चलाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह अभिनव अभियान प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा खाद का उपयोग

प्रदेश में हर वर्ष फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की समस्या बढ़ जाती थी, जिससे वायु प्रदूषण गंभीर रूप से प्रभावित होता है। इसे रोकने के लिए योगी सरकार ने 28 अक्टूबर से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान का संचालन किया। अभियान के दौरान प्रदेश में 2,90,208.16 कुंतल पराली एकत्रित की गई और किसानों को इसके बदले 1,55,380.25 कुंतल गोवंश खाद वितरित की गई। इस खाद का उपयोग जैविक खेती और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा है। अभियान के तहत प्रदेश के कई जनपदों ने उत्कृष्ट कार्य किया।

इनमें वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच शामिल हैं। इन जनपदों में किसानों ने बड़े पैमाने पर पराली जमा की और खाद का लाभ लिया। अभियान के माध्यम से पराली के बदले गोवंश खाद वितरण से निराश्रित गोवंश संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है। गो-आश्रय स्थलों में एकत्रित गोवंश खाद किसानों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे पशुपालन विभाग की सक्रियता और प्रभावी कार्यशैली भी उजागर होती है।

जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा, पर्यावरण संरक्षण को मिल रही दिशा

योगी सरकार की यह पहल सिर्फ अस्थायी समाधान नहीं है, बल्कि पारदर्शी सोच को दर्शाता है। इससे जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं किसानों की उत्पादन लागत भी घटेगी, यह पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। योगी सरकार का ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान किसानों, पर्यावरण और समाज के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न सिर्फ पराली जलाने की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर रही है, बल्कि किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए भी प्रेरित कर रही है। योगी सरकार की इस पहल से प्रदेश में हरित क्रांति की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।

अभियान से यह हो रहा फायदा

पराली जलाने से रोकथाम – किसान पराली जलाने की बजाय उसे सरकार को सौंपकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।

जैविक खाद प्राप्ति – गोवंश खाद के रूप में किसानों को प्राकृतिक खाद प्राप्त हो रही है, जो रासायनिक खादों के उपयोग को कम कर रही है और भूमि की गुणवत्ता सुधार रही है।

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