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उत्तर प्रदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने हनुमान मंदिर में लगाया पोंछा, कहा- मंदिरों की साफ-सफाई में सभी आगे आएं

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश भर के तीर्थ स्थलों एवं मंदिरों में आज सुबह से ही सफाई अभियान की शुरुआत हो गई। भाजपा कार्यकर्ताओं और आमजनों ने अपने घरों, कार्यालयों एवं प्रतिष्ठानों के पास स्थित मंदिरों की साफ-सफाई की। इसी मुहिम में आहुति देते हुए प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी राजधानी के हजरतगंज स्थित दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में सफाई अभियान चलाया। उनके साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 से 22 जनवरी तक देश भर के तीर्थ स्थलों एवं मंदिरों में व्यापक स्तर पर सफाई अभियान चलाने का आह्वान किया है। इसी कड़ी में रविवार सुबह प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी सफाई अभियान की शुरुआत की।

लखनऊ के हजरतगंज स्थित हनुमान मंदिर पहुंच कर उन्होंने मंदिर के अंदर पोंछा लगाया और मंदिर के आसपास झाड़ू लगा कर कूड़ा उठाया। डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अनूठी मुहिम में हम सभी को बढ़-चढ़ कर आगे आना चाहिए। सफाई के मामले में हमें उत्तर प्रदेश को पहले पायदान पर लाना है। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और आमजन भी मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश

अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा

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महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश

आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।

नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र

स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।

“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र

अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।

जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत

पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।

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