प्रादेशिक
किन्नर आयोग के गठन के लिए डॉ शमशेर यादव जगराना ने हाई कोर्ट में दाखिल की पीआईएल
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लखनऊ। वर्तमान पंचायती चुनाव सहित विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिये किन्नर आयोग गठन के लिए जनहित याचिका के विशेषज्ञ एडवोकेट डॉ शमशेर यादव जगराना ने हाई कोर्ट लखनऊ में गुरूवार को जनहित याचिका दायर की।
डॉ शमशेर यादव जगराना एडवोकेट हाईकोर्ट ने कहा है कि किन्नर सामाजिक न्याय में समाज के सबसे पीछे हो गए हैं, सबसे पिछड़े अंग हैं, उनको एससी एसटी से भी नीचे हेय दृष्टि से देखा जाता है। उनका जीवन स्तर अन्य निम्नतम जातियों से भी नीचे हैं, इसलिए उनको भी पंच स्थानीय चुनाव ग्राम प्रधान, बीडीसी ,जिला पंचायत सहित नगर पालिकाओं विधानसभा, राज्य सभा, विधान परिषद लोकसभा में भी कुछ सीटें उनके लिए आरक्षित की जाए इसके लिए किन्नर समाज के लोग उच्च न्यायालय के जनहित मामलों के विशेषज्ञ डॉ शमशेर यादव जगराना को अपना पक्ष रखने हेतु अपना अधिवक्ता नियुक्त किया है, जिससे इस जनहित के मुद्दे को डॉ जगराना ने पीआईएल के माध्यम से उठाया है।
किन्नरों के दयनीय स्थिति को देखते हुए भारतीय संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत किन्नरों का संरक्षण पोषण, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक जीवन स्तर उठाने के लिए किन्नर आयोग के गठन की मांग जायज ठहराते हुए डॉ शमशेर यादव जगराणा ने किन्नरों के लिए अलग से आरक्षण व किन्नर आयोग के गठन के लिए माननीय उच्च न्यायालय में सोनम किन्नर बनाम उत्तरप्रदेश नाम से जनहित याचिका दाखिल किया है।
डॉ जगराना ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि हमारे समाज से अत्यंत पिछड़े किन्नर समाज जिसको लोग हेय दृष्टि से देखते हैं जो हम लोगों के घर मंगल गाकर बधाइयां देते हैं उनके मंगल हेतु किन्नर आयोग का शीघ्र गठन किया जाना जनहित का अति आवश्यक है। उक्त जनहित याचिका पर होली की छुट्टी के बाद उच्च न्यायालय लखनऊ में दिनांक 5- 4-21 को सुनवाई होगी।
उत्तर प्रदेश
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने यूपी सरकार के बजट की आलोचना, कहा – ”यह बजट नहीं बड़ा ढोल है”
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये प्रस्तुत बजट को ‘बड़ा ढोल’ करार देते हुए कहा कि इसमें आवाज तो बहुत है मगर यह अंदर से खाली है। यादव यहां बजट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने बजट को समाज के तमाम वर्गों के लिए निराशाजनक करार देते हुए कहा, ”यह बजट नहीं बड़ा ढोल है, जिसमें आवाज तो बहुत है मगर यह अंदर से खाली है। यह खोखला है। इस बजट का झोला खाली है। जनता को लग रहा है कि बजट आया ही नहीं है। वह पूछ रही है कि प्रवचन तो आ गया लेकिन बजट कब आएगा?
बजट को अखिलेश यादव ने बताया बड़ा ढोल
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”बजट देखकर किसानों की उम्मीदों का खेत सूख गया है। बजट देखकर महिलाओं के माथे पर घर चलाने की चिंता की लकीरें और बढ़ गई हैं। बजट देखकर बेरोजगारों की आंखों के सामने अंधेरा छा गया है, व्यापारियों और दुकानदारों पर मंदी की मार और गहरा गई है।” यादव ने भाजपा विधायकों और मंत्रियों पर तंज करते हुए कहा, ”जो वहां (विधानसभा सदन में) मेजें पीट रहे थे, बजट देखकर भाजपा के उन मंत्रियों और विधायकों के गले सूख गए हैं क्योंकि अपने विभागों और विधानसभा क्षेत्रों में तो उन्हें ही महंगाई और बेरोजगारी के सवालों का सामना करना पड़ेगा। उन्हें गुस्से का भी सामना करना पड़ेगा क्योंकि अंततोगत्वा विधायकों और मंत्रियों को ही जनता का सामना करना पड़ता है। वह महंगाई का और बेरोजगारी का क्या जवाब देंगे?
अखिलेश यादव बोले- सरकार का रोडमैप तैयार नहीं था
उन्होंने कहा, ”बजट देखकर बुनकरों का ताना-बाना रुक गया है और हथकरघे खामोश हो गए हैं। बजट देखकर जनता पूछ रही है कि जुमला मंत्रालय के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है।” यादव ने किसी का नाम लिये बगैर कटाक्ष किया, ”हालांकि अंग्रेजी की एक कहावत है कि साइलेंस इज गोल्ड। जब हम संस्कृत में उससे मिलती-जुलती उक्ति बोलें तो उसका मतलब है कि विद्वानों की सभा में मूर्ख के लिए मौन ही आभूषण होता है।” उन्होंने कहा, ”इस सरकार के पिछले कई बजट को अगर देखें तो यह जो बजट है उसका इनके (भाजपा के) घोषणा पत्र से कोई तालमेल नहीं है। इस बजट का, और इससे पहले के बजट का भी कोई फोकस नहीं रहा। बिना विजन के बजट पेश किए गए हैं। सरकार का कोई रोड मैप तैयार नहीं था कि किस दिशा में उत्तर प्रदेश को ले जाना है और पिछले तमाम बजट में कोई स्पष्टता नहीं है।”
यूपी बजट की अखिलेश यादव ने की आलोचना
यादव ने कहा, ”हर बार बजट पेश किया जाता है और सरकार यही कहती है कि यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बजट है। यह टर्म हर सरकार हर बजट के लिए इस्तेमाल कर सकती है क्योंकि अगला जो भी बजट होगा वह जाहिर है कि पिछले बजट से बड़ा ही होगा। यह कहना कि सबसे बड़ा बजट पेश हो रहा है यह सोचने की बात है। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इसका आकार वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है। प्रस्तावित बजट में 28 हजार 478 करोड़ 34 लाख रुपये (28,478.34 करोड़) की नयी योजनाएं शामिल की गयी हैं।
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