Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

किन्नर आयोग के गठन के लिए डॉ शमशेर यादव जगराना ने हाई कोर्ट में दाखिल की पीआईएल

Published

on

Loading

लखनऊ। वर्तमान पंचायती चुनाव सहित विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिये किन्नर आयोग गठन के लिए जनहित याचिका के विशेषज्ञ एडवोकेट डॉ शमशेर यादव जगराना ने हाई कोर्ट लखनऊ में गुरूवार को जनहित याचिका दायर की।

डॉ शमशेर यादव जगराना एडवोकेट हाईकोर्ट ने कहा है कि किन्नर सामाजिक न्याय में समाज के सबसे पीछे हो गए हैं, सबसे पिछड़े अंग हैं, उनको एससी एसटी से भी नीचे हेय दृष्टि से देखा जाता है। उनका जीवन स्तर अन्य निम्नतम जातियों से भी नीचे हैं, इसलिए उनको भी पंच स्थानीय चुनाव ग्राम प्रधान, बीडीसी ,जिला पंचायत सहित नगर पालिकाओं विधानसभा, राज्य सभा, विधान परिषद लोकसभा में भी कुछ सीटें उनके लिए आरक्षित की जाए इसके लिए किन्नर समाज के लोग उच्च न्यायालय के जनहित मामलों के विशेषज्ञ डॉ शमशेर यादव जगराना को अपना पक्ष रखने हेतु अपना अधिवक्ता नियुक्त किया है, जिससे इस जनहित के मुद्दे को डॉ जगराना ने पीआईएल के माध्यम से उठाया है।

किन्नरों के दयनीय स्थिति को देखते हुए भारतीय संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत किन्नरों का संरक्षण पोषण, आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक जीवन स्तर उठाने के लिए किन्नर आयोग के गठन की मांग जायज ठहराते हुए डॉ शमशेर यादव जगराणा ने किन्नरों के लिए अलग से आरक्षण व किन्नर आयोग के गठन के लिए माननीय उच्च न्यायालय में सोनम किन्नर बनाम उत्तरप्रदेश नाम से जनहित याचिका दाखिल किया है।

डॉ जगराना ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि हमारे समाज से अत्यंत पिछड़े किन्नर समाज जिसको लोग हेय दृष्टि से देखते हैं जो हम लोगों के घर मंगल गाकर बधाइयां देते हैं उनके मंगल हेतु किन्नर आयोग का शीघ्र गठन किया जाना जनहित का अति आवश्यक है। उक्त जनहित याचिका पर होली की छुट्टी के बाद उच्च न्यायालय लखनऊ में दिनांक 5- 4-21 को सुनवाई होगी।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

Published

on

Loading

प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

Continue Reading

Trending